बच्चों को बताया कि सावन का महीना न केवल त्योहारों का प्रतीक है, बल्कि यह हमें प्रकृति से जुड़ने और उसे सहेजने की प्रेरणा भी देता है. विद्यार्थियों ने भी वृक्षारोपण के महत्व को समझा और हरे-भरे वातावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को महसूस किया.
- विद्यार्थियों ने बनाई मनमोहक रचनाएं, ली हरियाली के साथ यादगार तस्वीरें
- प्राचार्य समीक्षा तिवारी ने कहा - त्योहार बच्चों को संस्कृति और प्रकृति से जोड़ते हैं
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के पांडेय पट्टी स्थित लोयोला स्कूल में गुरुवार को सावन उत्सव बड़े ही धूमधाम और रचनात्मकता के साथ मनाया गया. इस विशेष अवसर पर विद्यालय में विद्यार्थियों और शिक्षकों ने मिलकर सावन से जुड़ी अनेक कलात्मक गतिविधियों में भाग लिया. बच्चों ने प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करते हुए आकर्षक कलाकृतियां तैयार कीं, जिनमें हरियाली, झूला, वर्षा, वृक्ष और सावन से संबंधित परंपराओं को खूबसूरती से उकेरा गया.
कार्यक्रम की शुरुआत वातावरण को हरा-भरा रखने और पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ की गई. इस दौरान शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि सावन का महीना न केवल त्योहारों का प्रतीक है, बल्कि यह हमें प्रकृति से जुड़ने और उसे सहेजने की प्रेरणा भी देता है. विद्यार्थियों ने भी वृक्षारोपण के महत्व को समझा और हरे-भरे वातावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को महसूस किया.
विद्यालय परिसर में बच्चों द्वारा तैयार की गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे सभी ने खूब सराहा. साथ ही बच्चों ने अपनी कलाकृतियों के साथ यादगार तस्वीरें खिंचवाईं. रंग-बिरंगे वस्त्रों में सजे बच्चों की टोली में उल्लास और आनंद का माहौल रहा.
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य समीक्षा तिवारी ने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि बच्चों को त्योहारों के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ें और उनके भीतर सृजनात्मकता, सहयोग और पर्यावरण के प्रति जागरूकता विकसित करें. सावन उत्सव इस दिशा में एक रचनात्मक प्रयास है, जिसमें बच्चों ने पूरे उत्साह से भाग लिया और अपनी प्रतिभा का परिचय दिया."
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के निदेशक चंद्रकांत निराला, शिक्षिकाएं नंदिनी उपाध्याय, पूजा गुप्ता, ज्योति कुमारी, निशा यादव, रेशमा परवीन, शिक्षक गुंजन ओझा, अमृत ठाकुर, जितेंद्र यादव एवं समस्त विद्यालय स्टाफ का अहम योगदान रहा. आयोजन के अंत में सभी प्रतिभागी बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप उपहार भी प्रदान किए गए.
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