कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं और इनके बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है. रक्षाबंधन जैसे पर्व पर पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधना आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वायु और हरा-भरा वातावरण देने का संकल्प है.
- आसा पर्यावरण सुरक्षा बिहार ने रक्षाबंधन पर चलाया अनूठा अभियान
- स्व. कंचन देवी स्मृति कुंज में लोगों ने लिया हरियाली बचाने का प्रण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के प्रतीक रक्षाबंधन के अवसर पर आसा पर्यावरण सुरक्षा बिहार की ओर से हरे-भरे पेड़-पौधों के संरक्षण को लेकर एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया. इटाढ़ी रोड स्थित विश्वनाथ नगर में स्व. कंचन देवी स्मृति कुंज परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने पेड़ों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया. इस पहल का उद्देश्य समाज में पेड़-पौधों के रक्षण, संरक्षण और संवर्धन के प्रति जागरूकता फैलाना था.
कार्यक्रम में दधीचि देह दान समिति के संरक्षक बबन सिंह ने कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं और इनके बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है. रक्षाबंधन जैसे पर्व पर पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधना आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वायु और हरा-भरा वातावरण देने का संकल्प है.
आसा पर्यावरण सुरक्षा बिहार के संयोजक विपिन कुमार ने इस अभियान का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे धरती के ऑक्सीजन बैंक हैं और इनकी सुरक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है. रक्षाबंधन के पवित्र अवसर पर यह पहल न केवल भावनात्मक जुड़ाव है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक कदम भी है.
स्व. महंत सिंह स्मृति किसान हित समूह के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे अभियान समाज में प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की भावना पैदा करते हैं. वहीं पर्यावरण प्रहरी भरत मिश्रा ने इसे धरती को बचाने की दिशा में एक मजबूत और प्रेरणादायक पहल बताया.
इस मौके पर विकल्प कुमार, रोहित कुमार, चंदन कुमार, शिक्षिका सविता कुमारी, ममतेश्वरी सिंह, सुमित्रा देवी, सरस्वती देवी, सुमंगल सिंह, नीलम सिंह, रीता कुमारी, नीलम कुमारी, नेहा कुमारी, कृति सागर, आशा कुमारी, शगुन प्रिया, शिवांशिका सिंह, पंखुड़ी, शमशाद खान, प्रेम दीप, आनंद प्रकाश, राज शेखर, मंजू कुमारी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने उत्साहपूर्वक पेड़ों को राखी बांधी और उनके संरक्षण की शपथ ली. कार्यक्रम में रक्षाबंधन के पारंपरिक भाव के साथ प्रकृति संरक्षण का संदेश भी दिया गया. आसा पर्यावरण सुरक्षा बिहार की यह पहल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी, जो समाज को हरियाली और स्वच्छ वातावरण की ओर प्रेरित करती है.
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