वर्ष की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे 1909 मामले ..

कहा कि लोक अदालत न्याय पाने का सरल और सुलभ माध्यम है. इसमें हार-जीत का प्रश्न नहीं होता, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से समाधान निकलता है. उन्होंने पक्षकारों से अपील की कि वे मुकदमों का निष्पादन सुलह के आधार पर करवाएं. 





                                         





  • 04 करोड़ 76 लाख से अधिक की राशि पर हुआ समझौता
  • जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में हुआ आयोजन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर के तत्वावधान में शनिवार 13 सितंबर 2025 को वर्ष की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष हर्षित सिंह, प्रथम प्रधान न्यायाधीश (कुटुंब न्यायालय) मनोज कुमार, अवर जिला पदाधिकारी, अवर पुलिस अधीक्षक, सचिव नेहा दयाल और मंचासीन पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. मौके पर जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष बबन ओझा, सचिव बिंदेश्वरी पांडे समेत सभी न्यायिक पदाधिकारी और अधिवक्ता संघ के सदस्य उपस्थित रहे. संचालन मुंसिफ द्वितीय नेहा त्रिपाठी ने किया.

लोक अदालत में वादों के निपटारे के लिए 12 बेंच बनाए गए थे. समाचार लिखे जाने तक 1909 मामलों का सुलह के आधार पर निपटारा कराया गया. इसमें कुल 04 करोड़ 76 लाख 42 हजार 903 रुपए की राशि पर समझौता हुआ. इनमें बैंक से जुड़े 567 वाद शामिल रहे, जिनमें 2 करोड़ 56 लाख 98 हजार 120 रुपए की राशि पर सहमति बनी. वहीं यातायात के 620, आपराधिक 175, विद्युत आपूर्ति से संबंधित 352, वैवाहिक आठ, जिला परिवहन पदाधिकारी से जुड़े चार तथा एनआई एक्ट के दो मुकदमों का निपटारा हुआ. बैंकों की रिकवरी के 181 मामलों में 2 करोड़ 6 लाख 17 हजार 149 रुपए की राशि पर समझौता हुआ.

अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने कहा कि लोक अदालत न्याय पाने का सरल और सुलभ माध्यम है. इसमें हार-जीत का प्रश्न नहीं होता, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से समाधान निकलता है. उन्होंने पक्षकारों से अपील की कि वे मुकदमों का निष्पादन सुलह के आधार पर करवाएं. सचिव नेहा दयाल ने कहा कि यह अवसर हम राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाते हैं. लोक अदालत का उद्देश्य न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ कम करना और लोगों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराना है.

इस मौके पर जिला अस्पताल की चिकित्सकीय टीम ने स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाया. मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी शिवकुमार प्रसाद चक्रवर्ती के नेतृत्व में डॉ. शशि प्रकाश (यूरोलॉजिस्ट), डॉ. प्रकाश चंद्र राय (फिजिशियन), डॉ. सुमित मिश्रा (सर्जन), डॉ. अमलेश कुमार (सामान्य चिकित्सक), क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अनुराधा और अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आमजन की जांच की और स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिया.

कार्यक्रम में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश संजीत कुमार सिंह, सुदेश कुमार श्रीवास्तव, देवराज, कमल कुमार, मानस कुमार वत्सल, देवेश कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी महेश्वर कुमार पांडेय, मुंसिफ द्वितीय नेहा त्रिपाठी, न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र सिंह, ज्योत्सना ज्योति, चंदन कुमार समेत कई न्यायिक पदाधिकारी, पैनल अधिवक्ता और पैरा विधिक स्वयंसेवक भी मौजूद रहे.







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