बक्सर से जुड़ा पशु तस्करी रैकेट बेनकाब, सात गिरफ्तार में जदयू उपाध्यक्ष सह बीस सूत्री सदस्य भी शामिल ..

पुलिस के मुताबिक बक्सर और गाजीपुर से दलालों के जरिए गोवंश की खरीद की जाती थी. इसके बाद झारखंड के रास्ते उन्हें पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित स्लॉटर हाउस भेजा जाता था, जहां मांस व्यापारियों को बेचा जाता था.





                                         




  • वाहन जांच के दौरान पकड़ा गया ट्रक, 33 गोवंश को क्रूरता से ले जाया जा रहा था
  • कांग्रेस बोली– भाजपा और सहयोगियों की कथनी-करनी में भारी अंतर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र में पुलिस ने रविवार की देर रात एक बड़े पशु तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया. सासाराम-चौसा पथ स्थित नयका मोड़ पर चल रहे वाहन जांच अभियान के दौरान पुलिस ने एक ट्रक को रोका, जिसमें 33 गोवंश को क्रूरता पूर्वक ठूंसकर लाद रखा गया था. पुलिस ने मौके से ट्रक चालक और खलासी को गिरफ्तार किया और पूछताछ के बाद पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने कुल सात लोगों को दबोच लिया.

गिरफ्तार आरोपियों में बक्सर जिले के चौसा प्रखंड निवासी बीस सूत्री सदस्य एवं जदयू जिला उपाध्यक्ष चौसा गांव निवासी मोहम्मद मुस्तफा, अरशद अहमद, नरबतपुर गांव निवासी अरुण कुमार यादव, विजय कुमार चौधरी, तथा रोहतास के मुरादाबाद निवासी मिन्हास उर्फ मन्नू, वाहन चालक गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र के अगडा गांव निवासी जाकिर खान और खलासी बाराचट्टी थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव निवासी शिवव्रत पासवान के शामिल है. थानाध्यक्ष कमल नयन पांडेय ने बताया कि पूछताछ में सभी ने पशु तस्करी में लंबे समय से शामिल होने की बात कबूल की है.

पुलिस के मुताबिक बक्सर और गाजीपुर से दलालों के जरिए गोवंश की खरीद की जाती थी. इसके बाद झारखंड के रास्ते उन्हें पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित स्लॉटर हाउस भेजा जाता था, जहां मांस व्यापारियों को बेचा जाता था. इस खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि रैकेट का नेटवर्क कई जिलों तक फैला हुआ है और इसमें कई प्रभावशाली लोग भी संलिप्त हो सकते हैं. पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रही है और अन्य नामों की भी तलाश की जा रही है. बरामद सभी गोवंश को सुरक्षित रूप से सासाराम स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में रखवाया गया है.

इस घटना पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. कांग्रेस नेता डॉ. सत्येंद्र कुमार ओझा ने भाजपा और उसके सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों का यही असली चेहरा है. उन्होंने कहा कि एक ओर मंचों से धार्मिक आडंबर और बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, वहीं दूसरी ओर इनके पदाधिकारी ऐसे अवैध धंधों में पकड़े जा रहे हैं. यह घटना साफ तौर पर दिखाती है कि इनकी कथनी और करनी में भारी अंतर है.








Post a Comment

0 Comments