यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज को अपनी धार्मिक जड़ों से जोड़ना और सनातन धर्म की परंपरा को संरक्षित करते हुए जनमानस में एकता का संदेश फैलाना था. यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने अलग-अलग गांवों के प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना की और परंपराओं के प्रति अपनी गहरी आस्था प्रकट की.
- धार्मिक एकता और विरासत के संरक्षण का संदेश
- ग्रामीण इलाकों में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सनातन संस्कृति और धार्मिक एकता को मजबूत करने के उद्देश्य से विश्वामित्र सेना द्वारा सोमवार को “सनातन जोड़ो यात्रा” के तीसरे चरण का भव्य आयोजन किया गया. सुबह 10:30 बजे प्रधान कार्यालय से शुरू हुई यह यात्रा कई गांवों से होकर गुजरते हुए शाम 4:30 बजे उपाध्यायपुर–पांडेयपुर में विशाल सभा के साथ संपन्न हुई.
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज को अपनी धार्मिक जड़ों से जोड़ना और सनातन धर्म की परंपरा को संरक्षित करते हुए जनमानस में एकता का संदेश फैलाना था. यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने अलग-अलग गांवों के प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना की और परंपराओं के प्रति अपनी गहरी आस्था प्रकट की.
यात्रा पड़री, दहिवर, रामोवरिया, मझरियां, दुधारचक, बड़कागांव, डेसरडीह, दुल्लेहपुर और सोनवर्षा सहित कई ग्रामों से होकर गुजरी. इस क्रम में रामोवरिया के शिव मंदिर, मझरियां के वनदेवी मंदिर और सोनवर्षा के काली व बजरंगबली मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की गई.
समापन अवसर पर आयोजित सभा में विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि “यदि बक्सरवासी अपने अधिकारों और विरासत के प्रति सजग हो जाएं तो यह पावन धरती अयोध्या और काशी से भी अधिक विकसित बन सकती है।” उन्होंने लोगों से सनातन परंपराओं के संरक्षण और एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया.
यात्रा के इस तीसरे चरण ने पिछले दोनों चरणों की सफलता को और आगे बढ़ाया. आयोजन में उमड़े जनसैलाब ने यह साबित किया कि बक्सर की पावन भूमि आज भी सनातन संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के प्रति गहरी आस्था रखती है. विश्वामित्र सेना ने इस यात्रा को सफल बनाने में सहयोग देने वाले श्रद्धालुओं, ग्रामीणों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया.
वीडियो :
0 Comments