रघुनाथपुर में रेल चक्का जाम, ठहराव और सुविधाओं को लेकर उठा जनाक्रोश, तीन दर्जन लोगों पर एफआइआर ..

आंदोलनकारियों ने डीआरएम से टेलीफोनिक वार्ता की, जिसके बाद आश्वासन मिलने पर वे ट्रैक से हटे. समिति के सदस्यों ने कहा कि रेलवे अधिकारी हर बार सिर्फ “ज्ञापन मिला, कार्रवाई होगी” की रट लगाते हैं. 




                                         





  • श्रमजीवी एक्सप्रेस सहित कई गाड़ियों के ठहराव की मांग
  • आरपीएफ ने नौ नामजद और 30 अज्ञात पर दर्ज किया मामला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सोमवार की सुबह रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन पर रेल यात्री कल्याण समिति की अगुवाई में यात्रियों और ग्रामीणों ने रेल चक्का जाम कर दिया. सुबह 9:45 बजे से 10:28 बजे तक चले इस आंदोलन में 13209 पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी समेत कई ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा. अचानक हुए घटनाक्रम से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. अप लाइन पर जाम लगते ही पीछे खड़ी कई एक्सप्रेस गाड़ियां भी प्रभावित हो गईं.

समिति अध्यक्ष चंद्रशेखर पाठक और संयोजक नागेंद्र मोहन सिंह के नेतृत्व में जुटे लोगों ने श्रमजीवी एक्सप्रेस, पंजाब मेल और बनारस जनशताब्दी एक्सप्रेस का ठहराव रघुनाथपुर में सुनिश्चित करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रतिदिन हजारों लोग यहां से यात्रा करते हैं, मगर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव न होने से उन्हें अन्य बड़े स्टेशनों तक जाना पड़ता है. छात्रों, मरीजों और नौकरीपेशा लोगों की समस्या सबसे गंभीर है. साथ ही स्टेशन पर प्रतीक्षालय, साफ-सफाई और पेयजल जैसी सुविधाओं का भी अभाव है. अमृत भारत योजना के कार्य भी तय समय से पीछे चल रहे हैं.

रेल प्रशासन ने इस आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए संयोजक नागेंद्र मोहन सिंह, अध्यक्ष चंद्रशेखर पाठक, संदीप कुमार राय, सोनू दुबे, मदन गोपाल जायसवाल, संजय कुमार ओझा, सीताराम ठाकुर, दीप नारायण राम और शहजाद को नामजद अभियुक्त बनाया है. इसके अलावा 20 से 30 अज्ञात लोगों को भी आरोपित किया गया है. आरपीएफ प्रभारी दिनेश चौधरी ने बताया कि रेलवे अधिनियम की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

आंदोलनकारियों ने डीआरएम से टेलीफोनिक वार्ता की, जिसके बाद आश्वासन मिलने पर वे ट्रैक से हटे. समिति के सदस्यों ने कहा कि रेलवे अधिकारी हर बार सिर्फ “ज्ञापन मिला, कार्रवाई होगी” की रट लगाते हैं. उनका कहना है कि अगर अफसर समय रहते जनभावनाओं को नहीं समझेंगे, तो आंदोलन और तेज होगा.

ग्रामीणों ने याद दिलाया कि डेढ़ साल पहले नॉर्थईस्ट एक्सप्रेस दुर्घटना के दौरान रघुनाथपुर और आसपास के लोगों ने यात्रियों की हरसंभव मदद की थी. तब रेलवे अधिकारियों ने सेवा भावना की सराहना करते हुए वादा किया था कि स्टेशन पर नई ट्रेनों का ठहराव और सुविधाएं दी जाएंगी. मगर वादे पूरे नहीं हुए.

समिति ने साफ चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो आने वाले दिनों में और बड़ा आंदोलन होगा. स्थानीय लोगों ने कहा कि जब तक रेलवे और जनप्रतिनिधि ठोस कदम नहीं उठाते, तब तक रघुनाथपुर का संघर्ष जारी रहेगा.







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