संघ के शताब्दी वर्ष में बिसेनेग्राम में गूंजा विजयादशमी उत्सव ..

कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष केवल समय का पड़ाव नहीं बल्कि राष्ट्र पुनर्जागरण और समाज संगठन की अनवरत साधना का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि सौ वर्षों की यह यात्रा सांस्कृतिक चेतना, संगठन शक्ति और आत्मबल का जीवंत उदाहरण है. 






                                         







शस्त्र पूजन और मंडल एकत्रीकरण से सजी सांस्कृतिक चेतना की झलक

प्रांत प्रचारक उमेश रंजन ने राष्ट्र जागरण और पंच-परिवर्तन पर दिया जोर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर नवानगर खंड के बिसेनेग्राम स्थित माँ काली प्रांगण में विजयादशमी उत्सव, मंडल एकत्रीकरण और शस्त्र पूजन का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ. माँ भगवती के चित्र के समक्ष हुए शस्त्र पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसमें क्षेत्र के बौद्धिक प्रमुख राणा प्रताप सिंह, प्रांत कार्यवाह राजेंद्र प्रसाद और दक्षिण बिहार के प्रांत प्रचारक उमेश रंजन की प्रमुख भूमिका रही.

इस अवसर पर मुख्य शिक्षक के रूप में हिम्मत सिंह ने सभा का संचालन किया. गौरव कुमार ने एकल गीत प्रस्तुत कर माहौल को उत्साहपूर्ण बना दिया. उनका गीत “हम विजय की ओर बढ़ते जा रहें, संगठन का भाव भरते जा रहें” सुनकर उपस्थित स्वयंसेवक और नागरिक भावविभोर हो उठे.

प्रांत प्रचारक उमेश रंजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष केवल समय का पड़ाव नहीं बल्कि राष्ट्र पुनर्जागरण और समाज संगठन की अनवरत साधना का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि सौ वर्षों की यह यात्रा सांस्कृतिक चेतना, संगठन शक्ति और आत्मबल का जीवंत उदाहरण है. संघ ने संघर्षों को पार करते हुए समाज का विश्वास अर्जित किया है और आज समाज के संवाहक के रूप में खड़ा है.

उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में संघ की शाखाओं के विस्तार का उल्लेख करते हुए पंच-परिवर्तन पर बल दिया. उन्होंने समाज को एकता, सौहार्द, आत्मनिर्भरता, संस्कार और राष्ट्र-निष्ठा के पथ पर चलने का आह्वान किया.

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि विजयादशमी उत्सव केवल परंपरा का निर्वाह नहीं बल्कि अखंड भारत के स्वप्न को साकार करने का संकल्प है. शस्त्र पूजन धर्म और राष्ट्र रक्षा का प्रतीक है.

इस मौके पर रामकुमार सिंह, सुनील सिंह, नवीन कुमार, विकास सिंह, तेज प्रताप सिंह, श्यामा शंकर राय, बबलू सिंह, राजू प्रजापति, विमलेश सिंह, राजू सिंह समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और मातृ शक्ति मौजूद रहीं.







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