जहां भक्ति, वहीं भगवान: श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में आचार्य भारत भूषण का प्रवचन ..

कहा कि निर्धन होते हुए भी वह व्यक्ति धन्य है, जिसके हृदय में भगवान श्री हरि की भक्ति बसती है. भक्ति के सूत्रों से बंधकर भगवान स्वयं भक्तों के हृदय में विराजमान हो जाते हैं, जहां भगवद्भक्ति होती है वहीं माता वैकुंठ लक्ष्मी व सभी सिद्धियां निवास करती हैं.






                                         





यज्ञ-सत्संग से फैलता है देवत्व, विवेक की होती है प्राप्ति

श्रीमद्भागवत कथा में प्रवचन सुनकर भावविभोर हुए श्रद्धालु

बक्सर टॉप न्यूज़,बक्सर : जिले के राजपुर प्रखंड के कुसुरपा गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन प्रख्यात भागवत वक्ता आचार्य डॉ. भारत भूषण पाण्डेय ने भावपूर्ण प्रवचन किया. उन्होंने कहा कि जहां भक्ति होती है, वहीं भगवान का निवास होता है. यज्ञ, सत्संग और शास्त्र के अध्ययन से जीवन में देवत्व का विकास होता है और मनुष्य को विवेक की प्राप्ति होती है. शास्त्र के अनुसार जीवन जीने और उत्तम आचरण अपनाने को ही उन्होंने सच्चे सुख का मार्ग बताया.

आचार्य ने अनिवासी भारतीय संतोष मिश्र और सोनबरसा निवासी अमेरिकी चिकित्सक डॉ. तारकेश्वर तिवारी सहित कई प्रबुद्ध जनों को कथा का विशेष रसपान कराया. उन्होंने कहा कि निर्धन होते हुए भी वह व्यक्ति धन्य है, जिसके हृदय में भगवान श्री हरि की भक्ति बसती है. भक्ति के सूत्रों से बंधकर भगवान स्वयं भक्तों के हृदय में विराजमान हो जाते हैं, जहां भगवद्भक्ति होती है वहीं माता वैकुंठ लक्ष्मी व सभी सिद्धियां निवास करती हैं.

कथा के दौरान विभिन्न प्रसंगों को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे. सातवें दिन के प्रवचन में आचार्य ने बताया कि कलियुग सभी युगों को प्रभावित करने की चेष्टा करता है, परंतु भगवान की कथा के प्रभाव से उसके दोष निष्प्रभावी हो जाते हैं. भागवत कथा को उन्होंने भगवान की शरणागति कराने वाला श्रेष्ठ साधन बताया. उन्होंने कहा कि जीव भगवान का अंश होते हुए भी माया के कारण सुख-दुःखों में उलझ जाता है, जबकि ज्ञान-यज्ञ मनुष्य को अज्ञान और बंधन से मुक्त करता है.

आचार्य ने द्रव्य यज्ञ, योग यज्ञ, ज्ञान यज्ञ और जप यज्ञ को शरीर व मन की शुद्धि का मार्ग बताते हुए नाम-जप को सर्वश्रेष्ठ बताया. इस अवसर पर पं. ललितेश्वर शुक्ल वैदिक ने मूल पाठ किया, जबकि पं. मार्कंडेय मिश्र एवं वैदिक विद्वानों ने पूजन-अर्चना संपन्न कराई. मुख्य यजमान मार्कंडेय मिश्र, तारकेश्वर मिश्र, नरेंद्र मिश्र, पारस नाथ पाठक, अशोक मिश्र सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया. कथा यज्ञ का भंडारा कल संपन्न होगा.








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