जीविका दीदियों की सफलता को मिलेगी नई पहचान, विधायक आनन्द मिश्र ने संचार कार्यशाला का किया शुभारंभ ..

बताया गया कि किस प्रकार जीविका दीदियों की केस स्टडी और सफलता की कहानियों को प्रभावशाली भाषा में लिखा जाए, उनके कार्यों को तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए और पूरे डॉक्यूमेंटेशन को इस तरह तैयार किया जाए कि आत्मनिर्भरता की कहानी हर घर तक पहुंच सके.

 




                                         








बक्सर में एक दिवसीय गैर-आवासीय कार्यशाला में केस स्टडी और सफलता कहानी लेखन पर फोकस
फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और डॉक्यूमेंटेशन से हर घर तक पहुंचेगी आत्मनिर्भरता की कहानी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : में जीविका से जुड़ी महिलाओं की आत्मनिर्भरता की कहानियों को प्रभावी ढंग से समाज तक पहुंचाने की दिशा में संचार विषय पर एक दिवसीय गैर-आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का उद्देश्य जीविका दीदियों की सफलता की कहानियों को लेखन, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के माध्यम से दस्तावेजीकृत कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना रहा.

दिनांक 19 दिसंबर 2025 को जिला परियोजना समन्वयन इकाई, जीविका बक्सर द्वारा बगीचा उत्सव हॉल, जेल रोड, बक्सर में आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ विधायक आनन्द मिश्र ने किया. कार्यक्रम में राज्य कार्यालय से राहुल कुमार, परियोजना प्रबंधक, आईईसी एंड आरसेटी तथा दयानिधि चौबे, जिला परियोजना प्रबंधक मौजूद रहे.

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को बताया गया कि किस प्रकार जीविका दीदियों की केस स्टडी और सफलता की कहानियों को प्रभावशाली भाषा में लिखा जाए, उनके कार्यों को तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए और पूरे डॉक्यूमेंटेशन को इस तरह तैयार किया जाए कि आत्मनिर्भरता की कहानी हर घर तक पहुंच सके. इस क्रम में दीदियों के जीवन संघर्ष, कार्य अनुभव और उपलब्धियों पर आधारित जीवनी लेखन को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई.

कार्यक्रम में जीविका बक्सर जिले के सभी संबंधित विषयगत प्रबंधक, प्रखंड परियोजना प्रबंधक, एसी, सीसी, एलएचएस, अकाउंटेंट, ऑफिस असिस्टेंट और एमआईएस कर्मी उपस्थित रहे. सभी ने कार्यशाला को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे जीविका से जुड़ी महिलाओं के कार्यों को नई पहचान मिलेगी और महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी.
कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं ने संचार माध्यमों के बेहतर और रचनात्मक उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि जीविका दीदियों की सफलता की कहानियां समाज के लिए प्रेरणा हैं और इन्हें प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना समय की आवश्यकता है.







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