पहले उद्योग का निबंधन कराना बहुत मुश्किल हुआ करता था. लेकिन, सरकार ने उद्योग आधार के द्वारा अब निबंधन की प्रक्रिया को बेहद आसान कर दिया है. भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की वेबसाइट पर कुछ ही मिनटों में अपने व्यापार को निबंधित कराया जा सकता है.
- मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों को पहचान देने के लिए बन रहा मददगार
- आधार कार्ड की मदद से व्यवसाय तथा उद्योग का करा सकते हैं निबंधन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भारतीय अर्थव्यवस्था में उद्योग जगत का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है. यही कारण है कि, भारत सरकार मेक इन इंडिया तथा अन्य योजनाएं बनाकर उद्यमियों तथा उद्योगों को बल देने की कोशिश में लगी हुई है. सरकार की इन्हीं योजनाओं में से एक "उद्योग-आधार" भी है. जिसके अंतर्गत लघु उद्योगों से लेकर मध्यम उद्योगों का आधार रजिस्ट्रेशन कराकर सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है.
दरअसल, किसी भी उद्योग अथवा व्यवसाय को शुरू करने के लिए उसका निबंधन कराना आवश्यक माना जाता है. ऐसा कराने से उद्योग सरकार के यहां सूचीबद्ध हो जाता है तथा कई प्रकार की सरकारी सहायता भी उद्योगों को मिलने लगती है. पहले उद्योग का निबंधन कराना बहुत मुश्किल हुआ करता था. लेकिन, सरकार ने उद्योग आधार के द्वारा अब निबंधन की प्रक्रिया को बेहद आसान कर दिया है. भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की वेबसाइट पर कुछ ही मिनटों में अपने व्यापार को निबंधित कराया जा सकता है.
2006 से अमल में है योजना:
दरअसल, वर्ष 2006 में तात्कालिक सरकार ने संसद में एक अधिनियम पास करा कर उद्योग आधार अधिनियम को अमल में लाया था. जिसके अंतर्गत लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को वैश्विक स्तर पर लाने तथा उनमें प्रतियोगिता की भावना विकसित करने की कोशिश की गई थी. जिससे कि देश की जीडीपी में भी वृद्धि दर्ज की गई थी. हालांकि, प्रचार-प्रसार के अभाव में ज्यादातर लोग इसका लाभ नहीं ले सके हैं.
कैसे करें निबंधन:
उद्योग आधार एक ऐसा ऑनलाइन पोर्टल है जो सरकार ने मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग संचालकों की मदद के लिए शुरू किया है. इसमें आधार संख्या की मदद से व्यवसाय को निबंधित किया जा जा सकता है. निबंधन के लिए सबसे पहले उद्योग आधार की वेबसाइट http://udyogaadhaar.gov.in/UA/UAM_Registration.aspx पर जाना होगा. जहां उद्यमी का नाम (जो आधार कार्ड में लिखा है) उसे दर्ज करना है. तत्पश्चात वैलिडेट एंड जेनरेट ओटीपी बटन पर क्लिक करते हुए आधार कार्ड से लिंक मोबाइल पर ओटीपी प्राप्त कर पुन: वेबसाइट में डालना है और फिर पूरा फॉर्म भर देना है. फॉर्म में सामाजिक वर्ग, लिंग, शारीरिक दिव्यांगता तथा व्यवसाय के प्रकार आदि को भरना होगा. फिर पैन कार्ड का नंबर एवं संयंत्र के स्थान पर कंपनी या फैक्ट्री के उत्पादन का पता लिखना होगा. आधिकारिक पते में कंपनी के ऑफिस का पता, मोबाइल नंबर एवं व्यवसाय शुरू करने की तारीख लिखनी होगी साथ ही बैंक खाता नंबर का आइएफएससी कोड वह कार्य का प्रकार इत्यादि डालना होगा. वहीं, नियोजित व्यक्तियों की संख्या तथा व्यवसाय में निवेश की गई राशि के बारे में भी जानकारी देनी होगी. जिसके बाद जिला उद्योग केंद्र का नाम दिखेगा. फॉर्म सबमिट करने पर आवेदनकर्ता को उद्योग आधार कार्ड मिलेगा.
क्या है फायदे:
उद्योग आधार कार्ड के द्वारा किसी भी बैंक से आसानी से ऋण आदि लिया जा सकता है. बैंक आपके उद्योग आधार के माध्यम से आपके व्यवसाय की स्थिति को देखते हुए ऋण की स्वीकृति प्रदान कर सकता है. इसके अतिरिक्त लॉक डाउन जैसी विषम परिस्थिति में भी केवल निबंधित दुकानदार ही पास आदि के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
कहते हैं अधिकारी:
उद्योग आधार के माध्यम से कोई भी उद्यमी अपने उद्योग का आसानी से निबंधन करा सकते हैं. ऑनलाइन माध्यम से बेहद आसान प्रक्रिया अपनाते हुए यह कार्य किया जा सकता है.
कमल कुमार सिन्हा
महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र
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