आर्म्स एक्ट के मामले में केंद्रीय कारा में बंद किशोर 6 माह बाद छूटा ..

यही नहीं उसके दो अन्य साथियों के पास से एक-एक गोली बरामद होने की बात कह तीनों को एक साथ जेल भेजा गया. जबकि, उनका पुत्र बार-बार यह कहता रहा कि, वह दसवीं की परीक्षा देकर आ रहा है. उसने अपना एडमिट कार्ड भी दिखाया साथी यह भी बताया कि उसे अगले दिन फिर परीक्षा देनी है.
जेल से बाहर निकलता किशोर

- आरटीआई कार्यकर्ता पिता ने पुलिस पर लगाएं संगीन आरोप
- डीजीपी को लिखा पत्र, एसपी ने कहा - की जा रही मामले की जांच

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आर्म्स एक्ट के मामले में पिछले 6 महीने से बक्सर केंद्रीय कारा में सजा काट रहे 14 वर्षीय एक किशोर को आखिरकार जमानत जेल से रिहा किया गया. किशोर के पिता ने बताया कि एक आरटीआई कार्यकर्ता होकर समाज के कल्याण के लिए कार्य करने की यह सज़ा उन्हें मिलेगी ऐसा उन्होंने सोचा नहीं था. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

किशोर के पिता का कहना है कि 29 फरवरी को जब उनका पुत्र दसवीं की परीक्षा देकर उत्तर प्रदेश के दिलदारनगर से  अपने दो साथियों के साथ बाइक पर सवार होकर लौट रहा था तब राजपुर थाने की पुलिस ने संध्या 5:30 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया तथा उसके पास हथियार होने की बात कह उसे जेल भेज दिया. यही नहीं उसके दो अन्य साथियों के पास से एक-एक गोली बरामद होने की बात कह तीनों को एक साथ जेल भेजा गया. जबकि, उनका पुत्र बार-बार यह कहता रहा कि, वह दसवीं की परीक्षा देकर आ रहा है. उसने अपना एडमिट कार्ड भी दिखाया साथी यह भी बताया कि उसे अगले दिन फिर परीक्षा देनी है लेकिन, राजपुर थानाध्यक्ष ने कहा कि "अपने पिता से कहो कि वह आरटीआई के द्वारा भ्रष्टाचार को उजागर करना छोड़ दें तथा जिन लोगों के विरुद्ध वह आरटीआई के माध्यम से अभियान चला रहे हैं उनके विरुद्ध अपना अभियान बंद कर दें. आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने विभिन्न पैक्सों के पैक्स अध्यक्षों के भ्रष्टाचार को उजागर किया जिसकी सजा उनके पुत्र को आर्म्स एक्ट के मामले में फंसा कर दी गई. जब पुत्र ने थानाध्यक्ष को अपना परीक्षा प्रवेश पत्र दिखा दिखाया तो पुलिस ने उसे भी फाड़ दिया. तथा उनके नाबालिग पुत्र को 20 वर्ष का घोषित करते हुए केंद्रीय कारा में भेज दिया जहां पेशेवर अपराधियों के बीच रहकर उनके पुत्र के कोमल मन पर बुरा प्रभाव पड़ा. इस मामले को लेकर उन्होंने डीजीपी से लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा है.

इस मामले में बात करने पर एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि किशोर के स्कूल प्रमाण पत्रों की जांच करने पर यह प्रमाणित होता है कि वह 14 वर्ष का है. ऐसे में गलती किस स्तर पर हुई है उसकी जांच की जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.













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