अखण्ड भारत की सांस्कृतिक विरासत ही हिंदुस्तान है- रामानुज

यह कहना सही नहीं होगा कि पहले हिन्दुस्थान का नाम भारतवर्ष था और उसके भी पूर्व जम्बू द्वीप था. कहना यह चाहिए कि आज जिसका नाम हिन्दुस्तान है वह भारतवर्ष का एक टुकड़ा मात्र है. जिसे आर्यावर्त कहते हैं. वह भी भारतवर्ष का एक हिस्साभर है और जिसे भारतवर्ष कहते हैं वह तो जम्बू द्वीप का एक हिस्सा है मात्र है. 

- युवाओं ने जानी भारत की एकता अखंडता की कहानी
- युवाओं ने कहा समृद्ध रहा है जंबूद्वीप का इतिहास

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: अखंड भारत दिवस के अवसर पर छात्रशक्ति द्वारा जूम एप्प पर वर्चुवल सभा का आयोजन किया गया. अखंड भारत दिवस 14 अगस्त के अवसर पर छात्रशक्ति द्वारा एक वैचारिक सभा का  आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष प्रमोद राय ने किया.
संचालन छात्रशक्ति के सुप्रीम सौरभ तिवारी ने किया.

विषय प्रवेश करते हुवे तिलकामांझी विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य अजय कुमार ने सांस्कृतिक भारत के अखण्ड स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की. मुख्य वक्ता युवा संघ विचारक  आई.आई.टी. खड़गपुर के प्रो रामानुज मिश्रा,
"अखंड भारत का इतिहास लिखने में कई तरह की बातों को शामिल किया जा सकता है. सर्व प्रथम तो उसकी निष्पक्षता के लिए जरूरी है पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर उसके बारे में बगैर किसी भेदभाव के सोचा जाए, जो प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य हो सकता है और जो किसी भी जाति, धर्म और समुदाय से हो सकता है.

भारतीय हो तो यह स्वीकारना जरूरी है कि हम भी भारत के इतिहास के हिस्से हैं. हमारे पूर्वज ब्रह्मा, मनु, ययाति, राम और कृष्ण ही थे. इतिहास में उन लोगों के इतिहास का उल्लेख हो जिन्होंने इस देश को बनाया, कुछ खोजा, अविष्कार किए या जिन्होंने देश और दुनिया को कुछ दिया. जिन्होंने इस देश की एकता और अखंडता को कायम रखा. उन्होंने युवाओ को अखंड भारत के बारे में मुख्य बाते बताई. 
''सुदर्शनं प्रवक्ष्यामि द्वीपं तु कुरुनन्दन. परिमण्डलो महाराज द्वीपोऽसौ चक्रसंस्थित:, यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्"- (वेदव्यास, भीष्म पर्व, महाभारत)
अर्थात 
आप कागज पर पीपल के दो पत्तों और दो खरगोश की आकृति बनाइए और फिर उसे उल्टा करके देखिए, आपको धरती का मानचित्र दिखाई देखा. यह श्लोक 5 हजार वर्ष पूर्व लिखा गया था. इसका मतलब लोगों ने चंद्रमा पर जाकर इस धरती को देखा होगा तभी वह बताने में सक्षम हुआ होगा कि ऊपर से समुद्र को छोड़कर धरती कहां-कहां नजर आती है और किस तरह की.

उन्होंने कहा कि, पहले संपूर्ण हिन्दू धर्म जम्बू द्वीप पर शासन करता था. फिर उसका शासन घटकर भारतवर्ष तक सीमित हो गया. फिर कुरुओं और पुरुओं की लड़ाई के बाद आर्यावर्त नामक एक नए क्षेत्र का जन्म हुआ जिसमें आज के हिन्दुस्थान के कुछ हिस्से, संपूर्ण पाकिस्तान और संपूर्ण अफगानिस्तान का क्षेत्र था. लेकिन, मध्यकाल में लगातार आक्रमण, धर्मांतरण और युद्ध के चलते अब घटते-घटते सिर्फ हिन्दुस्तान बचा है.

यह कहना सही नहीं होगा कि पहले हिन्दुस्थान का नाम भारतवर्ष था और उसके भी पूर्व जम्बू द्वीप था. कहना यह चाहिए कि आज जिसका नाम हिन्दुस्तान है वह भारतवर्ष का एक टुकड़ा मात्र है. जिसे आर्यावर्त कहते हैं. वह भी भारतवर्ष का एक हिस्साभर है और जिसे भारतवर्ष कहते हैं वह तो जम्बू द्वीप का एक हिस्सा है मात्र है. जम्बू द्वीप में पहले देव-असुर और फिर बहुत बाद में कुरुवंश और पुरुवंश की लड़ाई और विचारधाराओं के टकराव के चलते यह जम्बू द्वीप कई भागों में बंटता चला गया. या यूं कहें अखण्ड भारत भारत के प्राचीन समय के अविभाजित स्वरूप को कहा जाता है. प्राचीन काल में भारत बहुत विस्तृत था जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, बर्मा, थाइलैंड शामिल थे. कुछ देश जहाँ बहुत पहले के समय में अलग हो चुके थे वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि अंग्रेजों से स्वतन्त्रता के काल में अलग हुए.

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन छात्रशक्ति के जिलाध्यक्ष बलिराम केशरी ने किया. वर्चुवल सभा मे भाजपा क्रीड़ा मंच के प्रदेश अध्यक्ष सतीश राजू, भाजपा नेता जितेन्द्र दूबे, सुनील सिंह, विनोद तिवारी, राहुल दुबे, विपुल राय, अभिनंदन मिश्रा, सत्येंद्र पांडेय, चन्दन सिंह, शशांक ओझा, कमलेश महाजन, शौर्य गौतम एवं प्रो शोभित सुमन, सुनीत उपाध्याय, विकास  यादव, ठाकुर साहब, अदिति श्रीवास्तव, मनीष राय, संस्कृति पाठक, विनोद शुक्ला, मुन्ना उपाध्याय, पवन पांडेय, अभिषेक चौबे, राहुल ओझा, राहुल पांडेय, अभिनव यादव, अजीत उपाध्याय, अकाश श्रीवास्तव, अंजय चौबे, अंकित उपाध्याय आशु दुबे चंदन राम गौतम बबुआ, सचिन राय, अविनाश तिवारी, अनुज चौरसिया, गौरव गिरी, जितेश उपाध्याय, मुकेश सिंह, आशीष रंजन ठाकुर समेत अनेकों युवा व छात्रशक्ति कार्यकर्ता सम्मिलित हुए.



















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