ब्रह्मपुर में आसान नहीं है राजद के किले को ध्वस्त करना ..

1990 में भाजपा के वरिष्ट नेता डॉ. स्वामीनाथ तिवारी चुनाव में विजयी रहे थे. वहीं 1995 में हुये चुनाव में नौसिखिया मानें जाने वाले अजीत चौधरी जो जनता दल के टिकट  पर मैदान में आये थे. उन्हें सर्वाधिक 41 हजार 248 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर कांग्रेस के उम्मीदवार हरेराम पांडेय थे. इन्हें 14 हजार 758 वोट मिले थे. वहीं डाॅ स्वामीनाथ तिवारी खिसक कर तीसरे नंबर पर चले गये थे.

 


- एनडीए गठबंधन ने ब्रह्मपुर से पहली बार दिया अतिपिछड़ा को टिकट
- वर्तमान विधायक शंभू नाथ यादव की भी है मजबूत दावेदारी

बक्सर टाॅप न्यूज, बक्सर: विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया लगभग अंतिम दौर में है. महज नाम वापसी रह गई है . इसके बाद स्पष्ट हो जायेगा कि, चुनावी मैदान में कितने प्रत्याशी एक दूसरे को पटखनी देने के लिए रह गये है. वहीं ब्रह्मपुर विधानसभा के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तब यह प्रतीत हो रहा है कि ब्रहापुर में राजद ने मजबूत किलेबंदी की है . जिसे भेदना किसी भी प्रत्याशी के लिए आसान नहीं है.1990 में भाजपा के वरिष्ट नेता डॉ. स्वामीनाथ तिवारी चुनाव में विजयी रहे थे. वहीं 1995 में हुये चुनाव में नौसिखिया मानें जाने वाले अजीत चौधरी जो जनता दल के टिकट  पर मैदान में आये थे. उन्हें सर्वाधिक 41 हजार 248 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर कांग्रेस के उम्मीदवार हरेराम पांडेय थे. इन्हें 14 हजार 758 वोट मिले थे. वहीं डाॅ स्वामीनाथ तिवारी खिसक कर तीसरे नंबर पर चले गये थे. इन्हें 14 हजार 271 मत मिले थे. राजद की लड़ाई भाजपा से रही है. 

इधर, वर्तमान परिदृश्य में देखा जाए तो भाजपा की सहयोगी पार्टी वीआईपी के खाते में सीट गई है. वहीं लोजपा से हुलास पांडेय मैदान में है. इधर, एनडीए से पहली बार एक अतिपिछड़ा जयराज चौधरीको टिकट दिया है. अब देखना है कि इस बार का मुकाबला कितना रोजक बनता है. 

बनी राजद पार्टी:

जनता दल से टूटकर बने राष्ट्रीय जनता दल में कई दिग्गज नेता शामिल हो गये थे. पार्टी की कमान लालू प्रसाद यादव के हाथ में थी.  वर्ष 2000 के चुनाव में अजीत चौधरी राजद के टिकट पर मैदान में आये थे. इस बार भी जीत अजीत चौधरी के हाथ लगी. 2005 फरवरी, 2005 अक्टूबर में हुये चुनाव में राजद के अजीत चौधरी चुनाव जीते. 

हारे अजीत चौधरी:

लगातार चार बार चुनाव में जीत हासिल कर चुके अजीत चौधरी का मनोबल आकाश में थे. लेकिन, 2010 चुनाव के दौरान परिसिमन में बदलाव हुआ. अजीत चौधरी का गढ़ माने जाने वाला भाग पुराना भोजपुर, नया भोजपुर, चिलहरी पंचायत डुमरांव विधानसभा का हिस्सा बना गया.  साथ ही इस चुनाव में 25 प्रत्याशी मैदान में थे. जिसमें ददन पहलवान भी शामिल थे. इन्हें 13 हजार 901 वोट मिले थे. परिणाम अजीत चौधरी  25 हजार 854 वोट पर सिमट कर रह गये थे. भाजपा प्रत्याशी दिलमणी देवी 42 हजार 196 वोट पाकर विजयी हुई थी.

शंभु यादव ने फिर किया कब्जा:

2015 के विस चुनाव में गठबंधन और महागठंबधन आमने सामने थे,. इस चुनाव में राजद कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा जोर लगाया. परिणाम राजद प्रत्याशी शंभुनाथ यादव 30 हजार 776 वोट से चुनाव जीत गये. शंभुनाथ यादव को 94079 वोट मिले थे. वहीं भाजपा प्रत्याशी को 63303 वोट मिले थे.



वर्ष          मत           मतदान       जीते         हारे

1990    192978   109406    33651      21461

1995    184079   112435    41248      14758

2000    190958   112742   30236      25368

2005    234646   101471    33632     29455   

2005    219505   92061     32138     25254

2010    263489   125987    46196     25854

2015    316046   180955    94079     63303


















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