बिना सुरक्षा उपायों के 40 फ़ीट के खंभे पर चढ़ा विद्युत कर्मी, खतरे में जान ..

विद्युत कर्मी सदैव बिना किसी सुरक्षा उपाय के विद्युत का कार्य निबटाते देखे जा सकते हैं. ऐसे में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सिविल लाइंस मोहल्ले के रहने वाले शशांक कुमार ने बताया कि, बिजली कंपनी अपने कर्मियों के प्रति ही जब इतना लापरवाही भरा रवैया अपना रही है तो उपभोक्ताओं के साथ किस तरह का व्यवहार करती होगी यह कहने की बात नहीं है. नगर में कई जगह जमीन तक लटके विद्युत आपूर्ति के तार इस बात की गवाही देते हैं.

 





- स्टेशन रोड में लगाए गए खंभो पर विद्युत तार खींचे जाने के दौरान दिखा नज़ारा
- सवाल पूछने पर आश्वासन दे रहे हैं प्रोजेक्ट मैनेजर

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: विद्युत कंपनी विद्युत आपूर्ति के नाम पर भले ही बिल वसूलने में कभी पीछे नहीं रहती हो लेकिन, विद्युत आपूर्ति को निर्बाध गति से जारी रखने अथवा अपने कर्मियों के प्रति संवेदना बरतने में विद्युत कंपनी हमेशा फिसड्डी साबित होती है. ऐसा ही एक नजारा बक्सर के रेलवे स्टेशन रोड में उस वक्त देखने को मिला जब स्टेशन रोड में गाड़े गए 13 मीटर ऊंचे नए खंभों के ऊपर विद्युत आपूर्ति का तार खींचने के लिए विद्युत कर्मी बिना किसी सुरक्षा उपायों के काम करते देखे गए. स्थिति यह है कि यदि भूलवश कोई विद्युत कर्मी खंभे से गिरा तो उसकी मौत निश्चित है. इस तरह के लापरवाही भरे कार्य को देख ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे विद्युत कर्मी सड़क के बीचो-बीच सर्कस दिखा रहे हो.




नगर के आदर्श नगर मोहल्ले के रहने वाले गौतम कुमार बताते हैं कि, यह नजारा रोज का है. विद्युत कर्मी सदैव बिना किसी सुरक्षा उपाय के विद्युत का कार्य निबटाते देखे जा सकते हैं. ऐसे में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सिविल लाइंस मोहल्ले के रहने वाले शशांक कुमार ने बताया कि, बिजली कंपनी अपने कर्मियों के प्रति ही जब इतना लापरवाही भरा रवैया अपना रही है तो उपभोक्ताओं के साथ किस तरह का व्यवहार करती होगी यह कहने की बात नहीं है. नगर में कई जगह जमीन तक लटके विद्युत आपूर्ति के तार इस बात की गवाही देते हैं.


विद्युत कंपनी के द्वारा किए जा रहे इस लापरवाही भरे कार्य श्रम कानून की धज्जियां उड़ाए जाने की बात को लेकर जब विद्युत कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर से बात की गई तो उनकी नींद खुली और उन्होंने विद्युत कर्मियों को हेलमेट आदि उपलब्ध कराने की बात कही लेकिन, सवाल ये उठता है कि, उपभोक्ताओं से हर माह नियमित रूप से बिल वसूलने वाली कंपनी अपने कर्मियों के प्रति इतनी संवेदनहीन क्यों है?















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