शिक्षण मंडल ने माना नई शिक्षा नीति से संस्कारवान बनेगी नई पीढ़ी ..

कहा कि थोड़ा समय अवश्य लग सकता है परंतु जब हमारी अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग शिक्षा के हर स्तर में होगा तथा भारतीय संस्कृति आधारित गुरुकुल शिक्षा को भी बल मिलेगा तो भारतीय युवा पीढ़ी संस्कारवान, जिम्मेवार एवं आत्मनिर्भरता की क्षमता भी प्राप्त  करेगा.

 




- नई शिक्षा नीति पर विचार करते भारतीय शिक्षण मंडल जिला इकाई की बैठक हुई संपन्न

- गोयल धर्मशाला में आयोजित हुई थी बैठक, शामिल हुए बुद्धिजीवी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भारतीय शिक्षण मंडल, की जिला इकाई के तत्वावधान में गोयल धर्मशाला में एक बैठक का  आयोजन किया गया. दक्षिण बिहार प्रांत के संगठन मंत्री कर्नाटक के ई. संदीप सन्नक्की ने भारतीय शिक्षण मंडल के स्थापना एवं उद्देश्य पर विस्तृत प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रबोधन, प्रशिक्षण, प्रकाशन और संगठन करना भारतीय शिक्षण मंडल का ध्येय एवं उद्देश्य है. परिचय एवं  विषय प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम संयोजक व प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ.रमेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के निर्माण में देश के विभिन्न शिक्षाविदों एवं बुद्धिजीवियों के सलाह के साथ-साथ इस मंडल के दायित्व धारी विद्वत जनों के शोध परक सुझाव को महत्व दिया गया है. जिससे राष्ट्रीय पुनरुत्थान के लिए प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक संपूर्ण शिक्षा को भारतीय मूल्यों पर आधारित होने का गौरव प्राप्त हुआ है.





प्रश्न सत्र में उपस्थित बुद्धिजीवियों मे ई.आर एस पांडेय, प्रो. राजेश कुमार, प्रो. अरुण मोहन भारवि ने भाषा एवं गुरुकुल शिक्षा पर आधारित प्रश्न किया. जिसका जवाब सरल तरीके से इंजीनियर संदीप सन्नक्की ने देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया. उन्होंने कहा कि थोड़ा समय अवश्य लग सकता है परंतु जब हमारी अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग शिक्षा के हर स्तर में होगा तथा भारतीय संस्कृति आधारित गुरुकुल शिक्षा को भी बल मिलेगा तो भारतीय युवा पीढ़ी संस्कारवान, जिम्मेवार एवं आत्मनिर्भरता की क्षमता भी प्राप्त  करेगा.

कार्यक्रम में रोहतास गोयल, अंशुमान कुमार, प्रो. के. के. मिश्रा, ई. अजय शर्मा, दीनबंधु प्रधान, शुभ आशीष पाठक आदि उपस्थित रहे. धन्यवाद ज्ञापन जिला संयोजक डॉ. रास बिहारी शर्मा ने किया. शांति मंत्र से कार्यक्रम का समापन हुआ.
















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