जगत कल्याण की कामना के साथ श्री विष्णु अर्चन महायज्ञ का हुआ आयोजन, विधायक ने लिया आशीर्वाद ..

हरियाणा के बहादुरगढ़ आश्रम से बक्सर पहुंचे संत कौशलेंद्र ब्रह्मचारी महाराज के नेतृत्व में बक्सर के सोमेश्वर स्थान घाट के समीप श्री विष्णु अर्चन महायज्ञ का आयोजन किया गया. शनिवार से शुरू इस महायज्ञ में दूरदराज से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है. जो यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर संत का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं.






- यज्ञ में शामिल हो विधायक ने जन कल्याण का लिया आशीर्वाद 
- तीन दिवसीय महायज्ञ की आज होगी पूर्णाहुति

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: हरियाणा के बहादुरगढ़ आश्रम से बक्सर पहुंचे संत कौशलेंद्र ब्रह्मचारी महाराज के नेतृत्व में बक्सर के सोमेश्वर स्थान घाट के समीप श्री विष्णु अर्चन महायज्ञ का आयोजन किया गया. शनिवार से शुरू इस महायज्ञ में दूरदराज से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है. जो यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर संत का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं.


रविवार को यज्ञ में सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम के महंत राजा राम शरण दास जी महाराज,  नगर के प्रसिद्ध व्यवसायी अनुराग पांडेय, आर्ट ऑफ लिविंग के  दीपक पांडेय, रेड क्रॉस के सचिव डॉ. श्रवण कुमार तिवारी, संतोष पांडेय, शुभम तिवारी, झब्बू राय , कामेश्वर पांडेय, राहुल चौबे सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल पांडेय समेत नगर के कई बुद्धिजीवी तथा श्रद्धालु मौके पर पहुंचे. उन्होंने यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर विश्व कल्याण का आशीर्वाद प्राप्त किया.






यज्ञ के बारे में जानकारी देते हुए अनुराग पांडेय ने बताया कि जगत के कल्याण की कामना के साथ ही विष्णु महायज्ञ का आयोजन किया गया है 28 तारीख से शुरू इस यज्ञ की पूर्णाहुति 30 नवंबर (सोमवार) को होगी जिसके साथ ही यज्ञ का समापन हो जाएगा. उन्होंने बताया कि, संत कौशलेंद्र ब्रह्मचारी हर साल भारत के विभिन्न हिस्सों में श्रीविष्णु महायज्ञ का आयोजन करते हैं. इस बार उन्होंने श्रीमन नारायण दास भक्तमाली उपाख्य मामाजी महाराज की भूमि पर महायज्ञ करने का था. पहले यह महायज्ञ नौ दिनों का होता था लेकिन, इस बार कोरोना काल में यह तीन दिनों का ही होगा. शनिवार को महायज्ञ की कलश यात्रा निकाली गई. इसके बाद महायज्ञ का अरणि मंथन हुआ. गंगा किनारे यज्ञशाला का निर्माण कराया गया है, जहां काशी से आए आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में ग्यारह संस्कृत विद्वान महायज्ञ संपन्न करवा रहे हैं.


उन्होंने कहा कि जगत के कल्याण तथा प्राणियों में सद्भावना के उद्देश्य के साथ इस तरह का आयोजन आगे भी किया  जाता रहेगा.















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