जिस जगह पर 7 से 8 की संख्या में शव पड़े हुए हैं, वह इलाका उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पड़ता है ऐसे में अधिकारी वापस लौट आए. इसी बीच चौसा के रानी घाट के समीप जिला प्रशासन की तरफ से लगाए गए महाजाल में उत्तर प्रदेश से बहती हुई 2 लाशें में आकर अटक गई जिन्हें निकालकर उनका निस्तारण कराए जाने की प्रक्रिया की जा रही है.
- डीएम के निर्देश पर डीटीओ ने अधिकारियों को भेजकर कराई पुष्टि
- बिहार की सीमा नहीं होने के कारण जस के तस छोड़ें शव
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: चौसा के महादेवा घाट के समीप श्मशान घाट पर 71 लाशों के मिलने तथा उनके निस्तारण के बावजूद कई जगहों पर शवों को बहते हुए देखा गया. मंगलवार को चौसा के बाजार घाट के समीप शव बहते हुए पाए गए. इसके अतिरिक्त सिमरी प्रखंड के बीस के डेरा गांव के समीप भी शवों के मिलने की बात सामने आई.
इस बाबत जानकारी देते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक ने बताया कि बीस के डेरा के समीप शवों के मिलने की सूचना पर जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार वहां अधिकारियों को भेजा गया लेकिन यह पाया गया कि जिस जगह पर 7 से 8 की संख्या में शव पड़े हुए हैं, वह इलाका उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पड़ता है ऐसे में अधिकारी वापस लौट आए. इसी बीच चौसा के रानी घाट के समीप जिला प्रशासन की तरफ से लगाए गए महाजाल में उत्तर प्रदेश से बहती हुई 2 लाशें में आकर अटक गई जिन्हें निकालकर उनका निस्तारण कराए जाने की प्रक्रिया की जा रही है.
गंगा नदी में शवों के प्रवाह को रोकने के लिए जिला पदाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर अब जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को यह निर्देश दिया गया है कि, जिस प्रकार चौसा प्रखंड के महादेवा घाट पर गंगा नदी में शव बहते पाएं गए हैं उन्हें देखने तथा उनका निस्तारण करने के पश्चात यह बात सामने आ रही है कि लोग शव गंगा में प्रवाह कर दे रहे हैं. ऐसे में चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की तथा ब्रह्मपुर के अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष को यह निर्देशित किया गया है कि वह घाटों पर महाजाल की व्यवस्था करेंगे तथा कोई भी शव यदि नदी में बहता हुआ पाया जाता है तो तत्काल उसे बाहर निकलवा कर समुचित निस्तारण करने का प्रबंध किया जाएगा.
अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को यह भी निर्देश दिया गया है कि, वह घाटों पर निगरानी को बढ़ाएं तथा शवों के जल प्रवाह पर रोक लगाने हेतु सभी आवश्यक कार्यवाही करें. इसके साथ ही यह निर्देशित किया गया है कि चौकीदारों की भी प्रतिनियुक्ति घाटों पर की जाए. इतना ही नहीं डीएम-एसपी के संयुक्त आदेश में यह कहा गया है कि, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी, थानाध्यक्ष, स्थानीय जन प्रतिनिधियों से वार्ता कर लोगों को जागरूक करें तथा मृत शरीर को जल में प्रवाहित करने से रोके.
उधर, अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने लोगों से बहुत ही मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि, व्यक्ति जब तक जीवित रहता है तब तक घरवालों के नजरों में उसका मूल्य होता है लेकिन, ऐसा क्यों होता है कि उसकी मृत्यु के बाद ही लोगों का मूल्य ही खत्म हो जाता है और लोग शवों को गंगा में प्रवाहित कर देते हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह सामाजिक पतन का द्योतक है. साथ ही पारिवारिक मूल्यों में आ रही गिरावट का भी परिचायक है. ऐसे में लोगों को अपने स्वजनों के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए उनका विधिवत अंतिम संस्कार करना चाहिए.
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