हड़ताल पर नहीं जाएंगे जन वितरण प्रणाली दुकानदार: डॉ. मनोज

फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन बक्सर के बैनर तले शुक्रवार को जिला कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सह प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव ने की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस महामारी में जनता के हित में फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल पर नहीं जाने का निर्णय लिया है.
बैठक करते फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के सदस्य (फाइल इमेज)






- फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन की वर्चुअल बैठक में लिया गया निर्णय
- कहा, मांगे नहीं मानती है सरकार तो जाएंगे उच्च न्यायालय लेकिन, संकट काल में करेंगे लोगों की मदद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन बक्सर के बैनर तले शुक्रवार को जिला कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सह प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव ने की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस महामारी में जनता के हित में फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल पर नहीं जाने का निर्णय लिया है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जिला पदाधिकारी, खाद्य आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव, मंत्री एवं मुख्यमंत्री को अनेकों बार 5 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया लेकिन, आज तक उस मांग पत्र पर विचार नहीं किया गया जो जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के साथ सरकार का सौतेलापन व्यवहार है. कोरोना काल 2021 मे जिस स्थिति से पीडीएस दुकानदार गुजर रहे हैं यह सोचनीय विषय है. बिहार सरकार के बंद शीशा के घर में रहने वाले पदाधिकारी एवं मंत्री एवं मुख्यमंत्री को व्यवहारिकता के तौर पर संक्रमण रोकने के लिए दुकानदारों को सुरक्षा मुहैया कराना आवश्यक है. एक-एक पीडीएस दुकानदार के पास 400 से 500 उपभोक्ता खाद्यान्न का उठाव करते हैं और जहां से संक्रमण बढ़ रहा है उस पर मुख्यमंत्री का ध्यान नहीं है. पीडीएस दुकानदार विगत कई वर्षों से अपनी मांग को लेकर कई तरह का आंदोलन किया गया लेकिन आज तक सरकार को सुनाई एवं विचार तक नहीं किया गया. 


उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल में राजस्थान की सरकार ने कोरोना काल को देखते हुए 50 लाख रुपयों का बीमा किया है. आज पूरे बिहार में लगभग सैकड़ों पीडीएस दुकानदारों की मृत्यु हो चुकी है और सैकड़ों संक्रमित हैं लेकिन, सरकार 5 सूत्री मांग के संबंध में कभी भी कैबिनेट में लाने  का विचार नहीं आया कि पीडीएस दुकानदार भी एक मतदाता है और बिहार के रहने वाले हैं. अगर दुकानदार की मृत्यु होती है तो उसके परिवार को कौन भरण-पोषण करेगा इस पर सरकार को सोचना चाहिए. डॉ .यादव ने कहा कि 5 सूत्री मांग में पीडीएस दुकानदारों को चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का दर्जा नहीं तो 35 हज़ार रुपये मानदेय के तौर पर दिया जाए, अनुकंपा की सीमा समाप्त की जाए, सप्ताहिक की छुट्टी दी जाए, कोरोना के समय में सैनिटाइजर, मास्क, साबुन, ग्लव्स की व्यवस्था की जाए. साथ हीं पॉश मशीन पर पीडीएस दुकानदार अपना अंगूठा का निशान लगाकर उपभोक्ता को राशन मुहैया कराने का आदेश दे. साथ ही उन्होंने कहा कि एक पीडीएस दुकानदार अपने बने हुए मकान में खाद्यान्न का उठाव करके लाता है और रखता है उसका कोई किराया नहीं मिलता हैं. पीडीएस दुकानदार अपने घर के एक व्यक्ति को मापने के लिए लगाता है उसका कोई मजदूरी नहीं मिलती है. साथ ही कागज कलम रजिस्टर का कोई  भुगतान नहीं होता है. मात्र 70 रुपये क्विंटल के हिसाब से कमीशन मिलता है जो एक दुकानदार को महीना में करीब 4 हज़ार रुपये के लगभग बचत होती है. इससे परिवार चलेगा जो एक कुशल मजदूर की मजदूरी से भी कम है. इन सब बिंदुओं को लेकर बैठक की गई. अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार पीडीएस दुकानदारों की बात को नहीं सुनती है तो दुकानदार उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होंगे और जितने पीडीएस दुकानदारों की मृत्यु हो रही है. उसकी सारी जवाबदेही बिहार सरकार को होगी. इस बैठक में सुनील कुमार सिंह, कपिल मुनि ठाकुर, ललन सिंह महामंत्री, हृदयानंद मिश्र, शिवनारायण यादव, हृदय नारायण सिंह अनुमंडल अध्यक्ष, व्यास मुनि राय, रितेश चौहान, भगवान राम, रिंकेश पाल, दिलीप रजक, गोपाल रजक, गोपाल जी प्रसाद एवं अन्य लोग उपस्थित थे.






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