वीडियो: सिक्योरिटी कंपनी संचालक ने लॉकडाउन में शुरू किया नकली नोट बनाने का कारोबार ..

पुलिस को बताया है कि, तकरीबन दो माह से वह नोट बनाने का काम कर रहे थे. उन्होंने बताया है कि उन्होंने उन्हीं नोटों की डुप्लीकेटिंग की है जो उनके पास पूर्व से मौजूद थे. ऐसे में उन्होंने 500 से एवं 200 रुपयों के नोटों के जाली नोट बनाए हैं. कुल बरामद रकम में बन चुके जाली नोट 3 लाख 12 हज़ार रुपये के हैं वहीं, अर्ध निर्मित नोट 65 हज़ार 600 रुपये के हैं.






- 2 माह पूर्व कारोबार शुरू किए जाने की कही बात
- थर्मल पावर प्लांट में सुरक्षाकर्मी तैनात करने की लगा रहे थे जुगत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राजपुर के मनोहरपुर में नकली नोट बनाने के आरोप में जेल भेजे गए कारोबारी ने जो पुलिस को कहानी बताई उसे बताते हुए एसपी ने कहा कि, नकली नोट कारोबारी धर्मेंद्र सिंह के अनुसार 2018 में उन्होंने एक प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी खोली थी जिसकी शाखा हैदराबाद और वाराणसी में है. वह चाह रहे थे कि बक्सर के चौसा में बन रहे थर्मल पॉवर प्लांट में उनकी सिक्योरिटी कंपनी को काम करने का मौका मिले, इसके लिए वह प्रयास कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने दो-तीन माह पूर्व नकली नोट छापने का कारोबार शुरू कर दिया. 

जाली नोटों के कारोबारियों के पकड़े जाने के बाद आया आइडिया:

एसपी ने बताया कि, गिरफ्तार धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि एक बार कहीं जाली नोटों की खेप पकड़ी गई थी जिसके बारे में जानकारी दिए जाने के क्रम में यह भी समझाया गया कि, किस प्रकार जाली नोट बनाए जाते हैं. यह सब देखने के बाद धर्मेंद्र सिंह ने यह काम शुरु कर दिया. गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस को बताया है कि, तकरीबन दो माह से वह नोट बनाने का काम कर रहे थे. उन्होंने बताया है कि उन्होंने उन्हीं नोटों की डुप्लीकेटिंग की है जो उनके पास पूर्व से मौजूद थे. ऐसे में उन्होंने 500 से एवं 200 रुपयों के नोटों के जाली नोट बनाए हैं. कुल बरामद रकम में बन चुके जाली नोट 3 लाख 12 हज़ार रुपये के हैं वहीं, अर्ध निर्मित नोट 65 हज़ार 600 रुपये के हैं. 

एसपी ने बताया कि, इस बात की सूचना इकोनामिक ऑफेंस के एसपी तथा डीएसपी को दी गई है. जिसके बाद उनके द्वारा भी विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. अन्य फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास किया जा रहे हैं.

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