वीडियो: चपरासी को प्रधान लिपिक बता लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, परिवहन पदाधिकारी ने बताया सस्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास ..

अनाधिकृत प्रवेश द्वार से अंदर जाता कथित नीला टी - शर्ट पहने वाले व्यक्ति को दलाल लिखा गया है. इसके संबंध में मोटरयान निरीक्षक द्वारा बताया गया कि वह व्यक्ति शिक्षक है, जो चालक अनुज्ञप्ति हेतु स्लॉट बुकिंग के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके पास जा रहे थे. 





- परिवहन कर्मियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का पदाधिकारियों ने दिया बिंदुवार जवाब
- कहा, सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए कुछ भी कर देते हैं लोग

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिला परिवहन कार्यालय इन दिनों चर्चा में है. चर्चा वहां व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर हो रही है. कहा जा रहा है कि, वहां पर किसी भी काम को कराने के लिए घूस देनी पड़ती है. वहां के कर्मियों को भी इस भ्रष्टाचार में लिप्त बताया गया. मामले में परिवहन कार्यालय की काफी किरकिरी होने के बाद जिला परिवहन पदाधिकारी ने एक प्रेस वार्ता कर यह बताया कि भ्रष्टाचार के आरोप केवल सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए लगाए गए हैं इस वीडियो मैं जिसे प्रधान लिपिक बताया जा रहा है दरअसल, वह कोई और है. इसके अतिरिक्त भी इस वीडियो का कोई तथ्य ऐसा नहीं है जिसे सत्य साबित किया जा सके.  

उन्होंने इस संदर्भ में बिंदुवार जानकारी देते हुए बताया कि, समाचार पत्र में प्रकाशित प्रथम तस्वीर जिसमें मोटरयान निरीक्षक बक्सर के चालक एवं दो अन्य व्यक्ति खड़े हैं इस संबंध में मोटरयान निरीक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की गई. जिसके बाद मोटरयान निरीक्षक के द्वारा लिखित बताया गया है कि उक्त तस्वीर में मेरा एक वाहन चालक है जो वाहन संख्या BR24AA 8538 के दुर्घटना से संबंधित दुर्घटना प्रतिवेदन के लिए निर्धारित शुल्क तथा जो कागज नहीं है उसके लिए शमन की राशि को बताया जा रहा है क्योंकि, उनके द्वारा उस वक्त राज्यसात से संबंधित वाहनों का विवरण वाहन 4.0 पोर्टल काउन्टर नम्बर -01 से उनके द्वारा जांचा जा रहा था. इस दौरान वह अपने वाहन चालक को समझा रहे थे लेकिन, समाचार पत्र में चालक को संबंधित वाहनस्वामी को बताया गया है. चूंकि, काउन्टर नम्बर 1 के पास ही शेड में वाहन स्वामी बाइक पर बैठे थे. दूसरा व्यक्ति स्वयं वाहन स्वामी है. तीसरा खड़ा व्यक्ति अज्ञात है जिसके बारे में उन्हें नहीं पता है.

दूसरी तस्वीर में जिसे जिला परिवहन कार्यालय का बड़ा बाबू शिव शंकर लिखा गया है वास्तव में यह कर्मी वाहन कोषांग में प्रतिनियुक्त कार्यालय परिचारी बैद्यनाथ प्रसाद हैं. कथित खबर के संबंध में उनके द्वारा लिखित रूप में बताया गया कि उनसे एक व्यक्ति व्यवसायिक चालक अनुज्ञप्ति (कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस) के नवीकरण के संबंध में प्रकिया पूछ रहा था तो उनके द्वारा द्वारा प्रकिया बताया गया. मैंने कभी भी किसी से राशि की मांग नहीं की है. वीडियो फुटेज में भी कहीं भी उसने अपने लिए राशि की मांग नहीं की है. यह भी बताया गया है कि परिवहन विभाग के बड़ा बाबू(प्रधान लिपिक) शिवशंकर प्रसाद 25 जून को कार्यालय में निर्धारित स्थल पर हर दिन की तरह बैठकर कार्यों का निष्पादन कर रहे थे, बावजूस इसके कार्यालय के परिचारी वैद्यनाथ प्रसाद को बड़ा बाबू शिवशंकर प्रसाद बताते हुए फोटो प्रकाशित किया गया है. जिससे उनके छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है.

तीसरी तस्वीर में मोटरयान निरीक्षक का चालक एवं एक वाहन स्वामी है जिसका वाहन संख्या BR24AA 8538 है. उक्त वाहन का प्रदूषण उत्सर्जन के कागजातों का नवीनीकरण कराना था. मोटरयान अधिनियम 190 ( 2 ) ( यथा संशोधित 2019 ) के तहत जुर्माना राशि 10 हज़ार रुपये है तथा दुर्घटना संबंधित अपराध की धारा 187 के तहत 5 हज़ार रुपये है. इस प्रकार कुल 15 हज़ार रूपये जुर्माना राशि हुई. वाहन स्वामी द्वारा उस वक्त प्रदूषण संबंधित कागजात नहीं प्रस्तुत किया गया था. इसलिए उनको प्रदूषण कागजात नहीं होने पर जुर्माने की राशि भी बताई गई. परंतु वाहन का कागजात प्रस्तुत करने पर पाया गया कि परिवहन विभाग बिहार पटना के द्वारा परमिट, चालक अनुज्ञप्ति, निबंधन, प्रदूषण या अन्य कागजात जिनकी वैधता 1 फरवरी 2020 को समाप्त है, उसकी वैधता का विस्तार 30 सितंबर तक वैध मानने का परामर्श दिया गया है, ऐसे में उक्त वाहन स्वामी से प्रदुषण का जुर्माना राशि छोड़कर 5 हज़ार रुपये जुर्माना लिया गया  तथा वाहन स्वामी को मोटरयान निरीक्षक द्वारा 5 हज़ार रुपये जुर्माना रसीद दिया गया.  

शिक्षक को बता दिया दलाल:

चौथी तस्वीर अनाधिकृत प्रवेश द्वार से अंदर जाता कथित नीला टी - शर्ट पहने वाले व्यक्ति को दलाल लिखा गया है. इसके संबंध में मोटरयान निरीक्षक द्वारा बताया गया कि वह व्यक्ति शिक्षक है, जो चालक अनुज्ञप्ति हेतु स्लॉट बुकिंग के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके पास जा रहे थे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि तीनों वीडियो का फुटेज प्राप्त हुआ है जिसमें प्रथम विडियो में अनुसेवक वैद्यनाथ प्रसाद के साथ एक व्यक्ति वार्ता कर रहे हैं उस व्यक्ति का नाम अजय कुमार, ग्राम चिरैयाटाड़, थाना- धनसोई, जिला- बक्सर है. जिसके द्वारा अपने व्यवसायिक अनुज्ञप्ति को नवीकरण हेतु निर्धारित शुल्क 200 रुपये के चालान के साथ परिवहन कार्यालय में जमा किया गया था. जिसे नवीकृत कर चालक अनुज्ञप्ति दिनांक 16 जून को हस्तगत करा दिया गया है. इस दौरान भी कहीं घूस आदि मांगने की बात स्पष्ट नहीं हो रही.

दूसरा विडियो फूटेज जिसमें अनुसेवक बैजनाथ प्रसाद एक व्यक्ति से चालक अनुज्ञप्ति में लगने वाले शुल्क संबंध में स्पष्ट बता रहे हैं. वीडियो में पूछने वाला व्यक्ति संभवतः पत्रकार ही हैं. तीसरा विडियो में स्वतः स्पष्ट है कि मोटरयान निरीक्षक के सामने ही काउन्टर संख्या 1 पर बैठे हैं एवं दुर्घटना ग्रस्त वाहन मालिक शेड में बैठे हैं और मोटरयान निरीक्षक के निदेश पर चालक के द्वारा प्रदुषण प्रमाण पत्र नहीं रहने पर शमन की राशि 10 हज़ार रुपये तथा दुर्घटना संबंधित अपराध की धारा 187 का शमन 5 हज़ार रुपये इस प्रकार कुल 15 हज़ार रुपये बताया गया है. जिसकी पुष्टि वीडियो बनाने वाले व्यक्ति द्वारा ही स्पष्ट किया गया है. उक्त कागजों के जांचोपरांत मोटरयान निरीक्षक द्वारा पाया गया कि वाहन का प्रदूषण लॉकडाउन अवधि में समाप्त हुआ है. इस प्रकार भ्रष्टाचार से संबंधित जो भी सूचनाएं प्रकाशित की गई हैं वह पूर्णतः भ्रामक हैं.

वीडियो: 










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