पोखर उड़ाही मामले में नप कार्यपालक पदाधिकारी ने रखा पक्ष कहा, द्विचक्रीय जांच के बाद हुआ भुगतान ..

उन्होंने बताया कि पोखर की उड़ाही के नाम पर जो भुगतान हुए हैं उनमें से लगभग आधा पैसा उनके आने के पूर्व ही भुगतान किया जा चुका था. इसके अतिरिक्त जो भुगतान हुआ है उसमें सभी नियमों का अनुपालन करते हुए स्थल जांच करने के बाद भुगतान किया गया है.






- बताया, वुडको के कार्यपालक अभियंता तथा कनीय अभियंता के द्वारा जांचोंपरांत प्रस्तुत की गई मापी पुस्तिका
- वार्ड पार्षद के द्वारा की गई आपत्ति की कराई जा रही जांच

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 21 में अवस्थित गोरेया बाबा पोखर की उड़ाही मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने सोमवार को अपना पक्ष रखा है. उन्होंने बताया कि पोखर की उड़ाही के नाम पर जो भुगतान हुए हैं उनमें से लगभग आधा पैसा उनके आने के पूर्व ही भुगतान किया जा चुका था. इसके अतिरिक्त जो भुगतान हुआ है उसमें सभी नियमों का अनुपालन करते हुए स्थल जांच करने के बाद भुगतान किया गया है.

उन्होंने बताया कि वार्ड संख्या 21 में पोखर उड़ाही तथा नाली निर्माण के लिए 24 लाख 32 हज़ार रुपये का कार्यादेश जारी हुआ था, जिसके आलोक में संवेदक संदीप कुमार राय के द्वारा निर्माण शुरू किया गया. तकनीकी स्वीकृति के पश्चात कार्यादेश के आधार पर आधार कार्य पूरा करने के पश्चात उन्होंने भुगतान की मांग की. उन्हें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता के द्वारा कार्य के आलोक में भुगतान किया गया.

कार्य पूरा होने के बाद अभियंताओं ने दी रिपोर्ट:

बकौल ईओ, 1 जून 2021 को जल जीवन हरियाली योजना के तहत रिपोर्ट मांगी गई तथा संवेदक 20 जून 2021 तक कार्य पूरा करने का समय दिया गया, जिसके आलोक में संवेदक ने काम शुरू किया और कार्य पूरा होने के पश्चात कनीय अभियंता संदीप पांडेय तथा शहरी आवास एवं विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार के द्वारा स्थल निरीक्षण करने के बाद मापी पुस्तिका प्रस्तुत की गई. बाद में कार्यपालक पदाधिकारी ने स्वयं स्थल निरीक्षण किया और बाकी बचे भुगतान में 10 फीसद तक की राशि काटते हुए उसे भुगतान किया.

कार्य स्थल पर नहीं दिखा बोर्ड, लेकिन कार्य है संतोषजनक:

कार्यपालक पदाधिकारी के मुताबिक निरीक्षण के दौरान उन्होंने मौके पर निर्माण कार्य संबंधित कोई बोर्ड नहीं देखा था  था हालांकि, कार्य से वह संतुष्ट थी. वहीं, कनीय अभियंता के द्वारा उन्हें कार्य पूरा होने के बोर्ड की तस्वीर खींच कर दी गई थी साथ ही मापी पुस्तिका को भी प्रस्तुत किया गया था जिसके आधार पर उन्होंने भुगतान का निर्देश दिया. कार्यपालक पदाधिकारी के मुताबिक एस्टीमेट के मुताबिक काम हो गया है हालांकि, बाद में वार्ड पार्षद राकेश राय के द्वारा आपत्ति दी गई जिसके आलोक में जांच की जा रही है। वह जांच अभी अपूर्ण है.

उप मुख्य पार्षद ने बताया गलती से दे दिया था बयान:

उप मुख्य पार्षद इंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, उन्होंने मीडिया के समक्ष जो बयान दिया था कि भुगतान के लिए कार्यपालक पदाधिकारी दोषी हैं वह बयान उन्होंने गलती से दे दिया था. दरअसल, कार्यपालक पदाधिकारी ने संवेदक को जो बचा हुआ भुगतान किया था वह वुडको के कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद के कनीय अभियंता के जांचोपरांत स्वयं जांच करने के पश्चात दिया था. ऐसे में वह इसमें कहीं दोषी नहीं हैं.









Post a Comment

0 Comments