बताया है कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायक के द्वारा पूछे गए प्रश्न के आलोक में जब मामले की समीक्षा की गई तो यह पाया गया कि अंचलाधिकारी के द्वारा बगैर किसी कारण के सरकारी जमीन का किसी रैयत के नाम पर जमाबंदी कायम करना गंभीर अनियमितता तथा लापरवाही है.
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अमलेश कुमार, अंचलाधिकारी, राजपुर |
- सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम पर बंदोबस्त करने का था मामला
- भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव ने जारी किया आदेश का पत्र
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राजपुर अंचलाधिकारी को विभागीय आदेश के बाद निलंबित कर दिया गया है. उनके विरुद्ध गलत तरीके से सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम से दाखिल खारिज कर देने के साथ-साथ कई अन्य आरोप लगे हैं. जमीन के गलत दाखिल खारिज करने के मामले को लेकर स्थानीय विधायक विश्वनाथ राम ने सदन में प्रश्न भी उठाया था जिसके बाद भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय के द्वारा उसी वक्त राजपुर अंचलाधिकारी को निलंबित किए जाने की बात कही गई थी.
इसी बीच 9 अगस्त को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव कंचन कपूर के द्वारा जारी पत्र के द्वारा अंचलाधिकारी के निलंबन की पुष्टि कर दी गई है. अपने पत्र में संयुक्त सचिव ने बताया है कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायक के द्वारा पूछे गए प्रश्न के आलोक में जब मामले की समीक्षा की गई तो यह पाया गया कि अंचलाधिकारी के द्वारा बगैर किसी कारण के सरकारी जमीन का किसी रैयत के नाम पर जमाबंदी कायम करना गंभीर अनियमितता तथा लापरवाही है. ऐसे में अंचलाधिकारी को अनुशासनिक प्राधिकार के द्वारा निलंबित करते हुए पटना प्रमंडल स्थित आयुक्त कार्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया गया है. निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता भी देय होगा.
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गलत दाखिल-खारिज के कागजात दिखाते शिकायतकर्ता |
क्या था मामला:
दरअसल, राजपुर अंचल अंतर्गत हरपुर गांव में बिहार सरकार के पोखरे को अंचल कार्यालय के द्वारा निजी व्यक्ति के नाम बंदोबस्त कर दिया गया था यह पोखर 65 डिसमिल में फैला हुआ था. इस जमीन को स्थानीय निवासी विश्वनाथ सिंह के नाम पर बंदोबस्त किया गया था. इस मामले के संदर्भ में अंचलाधिकारी का कहना था कि अंचल निरीक्षक और राजस्व कर्मचारी रामाशंकर राम के प्रतिवेदन के आधार पर खाता संख्या 354 एवं प्लाट नंबर 145 के अधीन पोखरा को बंदोबस्त किया गया है जबकि, ग्रामीणों का कहना था कि इस पोखर की गहराई काफी अधिक है, जिसमें हर वक्त पानी भरा रहता है और इसी से आसपास के खेतों की सिंचाई होती है. दूसरी तरफ जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत जहां पोखरों का पुनरुद्धार करना है. ऐसे में इस आधार पर इस पोखर की जमीन को किसी निजी व्यक्ति के नाम पर बंदोबस्त कर दिया गया. बक्सर टॉप न्यूज़ ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया था जिसके बाद इस मामले को लेकर विधायक विश्वनाथ राम के द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्न किया गया था.
विधायक ने कहा, नहीं पनपने देंगे भ्रष्टाचार:
विधायक विश्वनाथ राम ने अंचलाधिकारी के विरुद्ध की गई कार्रवाई के को लेकर मंत्री का आभार जताया है. साथ ही यह कहा है कि उन्होंने चुनाव के दौरान ही यह संकल्प लिया था कि भ्रष्टाचार तथा भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध लगातार कार्यवाही करते रहेंगे. किसी सूरत में उनके विधानसभा क्षेत्र में भ्रष्टाचार पनपने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचारियों के लिए एक सबक है.
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