वीडियो: नगर में चिपकाए गए अनुमंडल पदाधिकारी के पोस्टर, बताया गया भूमाफिया ..

बताते हैं कि स्टेशन रोड में विश्राम सरोवर के समीप ही एक और बड़ा पोखर था जिस पर उस समय बेहद प्रभावशाली रहे नेताओं के साथ-साथ भूमि सुधार उप समाहर्ता के कार्यालय में कार्य करने वाले तथा अन्य अधिकारियों से सांठगांठ रखने वाले लोगों ने किसी तरह अपने नाम पर पर्चा कटवा लिया और आज वह पोखर को अस्तित्व विहीन करना चाहते हैं. 
रामरेखा घाट पर चिपकाए गए पोस्टर

 

 

 





- स्टेशन रोड में गड्ढे की जमीन पर निर्माण को अतिक्रमण बताने के बाद सामने आई घटना
- जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने का चल रहा अभियान

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय पर भूमाफिया बनने का आरोप लगाते हुए उनके पोस्टर नगर में चिपका दिए गए हैं. पोस्टर में यह लिखा हुआ है कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं तथा बिना किसी लिखित आदेश के पर्चा धारियों का घर तोड़ दे रहे हैं. इस पोस्टर पर चिपकाने वाले का नाम तो नहीं लिखा हुआ है लेकिन इसे देखने के बाद यह माना जा रहा है कि पिछले दिनों नगर के स्टेशन रोड में सड़क किनारे संभवतः सरकारी जमीन पर हो रहे निर्माण को रोकने के एसडीएम के आदेश के बाद इस तरह का कृत्य किया गया है. इसी बीच स्टेशन रोड में हीरो एजेंसी के सामने गड्ढे की जमीन पर निर्माण कर रहे विकास तिवारी नामक युवक ने बताया है कि इस जमीन बासगीत का पर्चा उनकी मां के नाम से कटा हुआ है. ऐसे में निर्माण को अवैध बताना उचित नहीं है जबकि एसडीएम ऐसकर रहे हैं वहीं, पोस्टर चिपकाए जाने के मामले में अनुमंडल पदाधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह मामले की जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे. उधर 1974 आंदोलन के नेता तथा लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद ने गड्ढे की जमीन पर अवैध कब्जा होने की बात कही, साथ ही पोस्टर चिपकाए जाने की घटना की आलोचना करते हुए ऐसे लोगों को सुशासन में विघ्न डालने वाला बताया है.



स्टेशन रोड में गड्ढे की जमीन पर कब्जाधारी युवक विकास तिवारी का कहना है कि उनके दादाजी जय गोविंद तिवारी भूमि सुधार उप समाहर्ता के कार्यालय में कार्य करते थे. भूमिहीन होने की वजह से वर्ष 1968 में दादी जयवंती देवी के नाम से स्टेशन रोड स्थित गड्ढे कि यह जमीन उन्हें आवंटित की गई थी. बाद में वर्ष 1990 में उनकी मां के नाम पर भी जमीन  (प्लॉट संख्या 673) का आवंटन किया गया उन्हें बासगीत का पर्चा निर्गत किया गया. यह संपत्ति अन्तरणीय नहीं है लेकिन, विरासत के तौर पर इसका प्रयोग आने वाली पीढ़ी कर सकती है. ऐसे में उनके निर्माण को अवैध बताकर अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर उनके निर्माण को तोड़ना कानूनी रूप से उचित नहीं है. फिर भी यह उनका निर्माण तोड़ा गया, जिसको लेकर उन्होंने जिला पदाधिकारी से भी शिकायत की है साथ ही साथ जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष भी आवेदन दिया है.

लोक अभियोजक ने बताया, कैसे पोखर की जमीन का हुआ बंदरबांट:

लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद बताते हैं कि स्टेशन रोड में विश्राम सरोवर के समीप ही एक और बड़ा पोखर था जिस पर उस समय बेहद प्रभावशाली रहे नेताओं के साथ साथ भूमि सुधार उप समाहर्ता के कार्यालय में कार्य करने वाले तथा अन्य अधिकारियों से सांठगांठ रखने वाले लोगों ने किसी तरह अपने नाम पर पर्चा कटवा लिया और आज वह पोखर को अस्तित्व विहीन करना चाहते हैं. मजे की बात तो यह है कि जो खुद को भूमिहीन बता रहे हैं वह बहुमंजिला मकान बनाकर रह रहे हैं.


पहले लोग करते थे श्रमदान, अब सरकार कर रही है मदद: 

लोक अभियोजक बताते हैं कि पहले के समय में लोग पोखर तथा कुओं की सफाई स्वयं किया करते थे. ग्रामीण युवा महीने-दो महीने में 1 दिन इस कार्य में श्रमदान करते थे और जल स्रोतों की सफाई करते हुए उन्हें जीवित रखते थे लेकिन, आज जब मुख्यमंत्री स्वयं जल स्रोतों के पुनरुद्धार के कार्य को बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व इस कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जल स्रोतों को कब्जा मुक्त कराया जा रहा है. इसी बीच जिले में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां गड्ढे, पोखर, आहार तथा पइन की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. ऐसे कब्जाधारियों को चिन्हित करते हुए प्रशासन के द्वारा नियमित रूप से जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है लेकिन, कई जगहों पर कब्जाधारी कब्जा हटाने के बजाय उसका विस्तार करते जा रहे हैं. ऐसे में कब्जाधारी और प्रशासनिक अधिकारी आमने-सामने आ जा रहे हैं.

कहते हैं अधिकारी:

नगर में कई जगह पोस्टर लगाने की बात सामने आई है. यह दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है. मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी विधि सम्मत होगा किया जाएगा. जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जल स्रोतों के पुनरुद्धार के दौरान अवैध कब्जा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कृष्ण कुमार उपाध्याय 
सदर अनुमंडल पदाधिकारी

वीडियो:





Post a Comment

0 Comments