वीडियो : धान के पौधों के सूखने की खबर पर पहुंची कृषि विभाग की जांच टीम, किसानों को बताए बचाव के तरीके ..

बताया कि अति वर्षापात की वजह से काफी दिनों तक बारिश के पानी के लगे होने तथा उसी पानी के एक खेत से बह कर दूसरे खेत में जाने के कारण पौधों में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट तथा सीथ ब्लाइट नामक रोग लग गया है. बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोग के कारण पौधे की पत्तियां ऊपर से सूखने लगती हैं. इसी तरह सीथ ब्लाइट नामक रोग के कारण जड़ों की तरफ से पौधे सड़ने लगते हैं.






- अधिकारी ने कहा अति वर्षापात बना है इस स्थिति का कारण
- दवाओं का छिड़काव कर पाई जा सकती है पौधों के रोग से मुक्ति

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सदर प्रखंड के साथ-साथ जिले के विभिन्न स्थानों पर खेतों में लगी धान की फसल के अचानक से सूखने की सूचना मिलने पर जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार के निर्देश पर पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक के नेतृत्व में एक जांच दल सदर प्रखंड के विभिन्न गांवों में पहुंचा तथा धान के पौधों की जांच की. अधिकारी ने जांच के उपरांत बताया कि अति वर्षापात की वजह से काफी दिनों तक बारिश के पानी के लगे होने तथा उसी पानी के एक खेत से बह कर दूसरे खेत में जाने के कारण पौधों में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट तथा सीथ ब्लाइट नामक रोग लग गया है. बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट रोग के कारण पौधे की पत्तियां ऊपर से सूखने लगती हैं. इसी तरह सीथ ब्लाइट नामक रोग के कारण जड़ों की तरफ से पौधे सड़ने लगते हैं और जड़े इतनी कमजोर हो जाती हैं कि पौधे आसानी से उखड़ जाते हैं. 

बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट होने पर स्टेपरोसाइक्लीन तथा कॉपर ऑक्सिक्लोराइड नामक दवा का पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना पड़ता है. 15 लीटर पानी में 13 ग्राम स्ट्रिपोसाइक्लिन तथा 30 या 35 ग्राम कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का घोल बनाकर पूरे खेत में छिड़काव करना होता है. 7 से 8 दिन के बाद छिड़काव दोबारा करना होगा. जिससे कि यह रोग खत्म हो जाएगा. दूसरी तरफ जड़ों में लगने वाले सीथ ब्लाइट नामक रोग से बचाव के लिए मेलिंडामायसिन या हेक्साकोनाज़ोल 2 एमएल प्रति लीटर पानी में मिला कर पौधों की जड़ों में छिड़कना होता है. ऐसा कर किसान पौधों को रोग से मुक्ति दिला सकते हैं.

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