वीडियो : बुधवार को भी प्रमाण पत्रों की जांच कराने नहीं पहुंचे कई अभ्यर्थी, डीइओ ने कहा दर्ज होगी प्राथमिकी ..

उन्होंने बताया कि उन्होंने केवल चाचा नहीं नियोजन कराया गया इसके अतिरिक्त उन्होंने नवानगर में भी आवेदन दिया था लेकिन, वहां नियोजन नहीं हो सका था. उन्हीं के ओरिजिनल आवेदन पर किसी दूसरे अभ्यर्थी ने जाकर काउंसलिंग कराया. अब इस मामले में नियोजन के दौरान हुई वीडियो रिकॉर्डिंग को देखना होगा और देखने के बाद यह तय करना होगा कि नियोजन के समय वहां पर इनके बदले कौन महिला अभ्यर्थी गई थी.





वीडियो - 1 : अभ्यर्थियों का बयान:



- जिले भर में कुल 121 लोगों के प्रमाण पत्र पाए गए थे संदिग्ध
- शिक्षक नियोजन के दौरान बड़ी धांधली की संभावना

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर  : 703 शिक्षकों का चयन  लिया गया था जिसमें 121 शिक्षकों के संदिग्ध प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. डिजी लॉकर से वेरीफाइड प्रमाण पत्र भी नहीं दिए गए थे. इनमें से ऐसे लोग थे जिनका सी टेट का रिजल्ट वर्ष 2018 के बाद निकला था ऐसे लोगों को डिजिलॉकर तथा आधार के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल फोन के साथ बुलाया गया था. जो कहना है जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण का उन्होंने कहा कि जिन अभ्यर्थियों को बुलाया गया था उनमें इटाढ़ी से 7 लोगों को बुलाया गया था. जिसमें 6 लोगों के प्रमाण पत्र डीजी लॉकर से वेरीफाइड करने पर सही पाए गए वहीं एक शिक्षक का डीजी लॉकर आधार नंबर से लिंक नहीं है ऐसे में उन्हें 24 घंटे का समय दिया गया है. वह अभ्यर्थी अलीगढ़ से आई हुई समृध्दि शर्मा है. उन्होंने बताया है कि वह 24 घंटे के अंदर अपने प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन डीजी लॉकर के माध्यम से करा लेंगे. 

महिला अभ्यर्थियों के नाम पर जिले में दो जगह हुआ नियोजन :

इसके अतिरिक्त चौसा से भी 4 मामले आए थे, जिसमें दो महिला शिक्षकों शबा नाज़ तथा शगुफ्ता परवीन के मामले में बड़े ही विचित्र थे. उनके ही प्रमाण पत्र पर  ही नावानगर नियोजन इकाई में दो महिला शिक्षिकाओं का चयन हुआ है. हालांकि, नावानगर में जो प्रमाण पत्र लगाए गए थे वह स्कैन किए हुए प्रमाण पत्र थे. उन्होंने बताया कि उन्होंने केवल चाचा नहीं नियोजन कराया गया इसके अतिरिक्त उन्होंने नवानगर में भी आवेदन दिया था लेकिन, वहां नियोजन नहीं हो सका था. उन्हीं के ओरिजिनल आवेदन पर किसी दूसरे अभ्यर्थी ने जाकर काउंसलिंग कराया. अब इस मामले में नियोजन के दौरान हुई वीडियो रिकॉर्डिंग को देखना होगा और देखने के बाद यह तय करना होगा कि नियोजन के समय वहां पर इनके बदले कौन महिला अभ्यर्थी गई थी जिसके आधार पर उनके विरुद्ध कार्यवाही होगी. डीइओ ने स्पष्ट किया कि फर्जी अभ्यर्थियों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त नावानगर से 31 लोगों के प्रमाण पत्र की जांच के लिए उन्हें बुलाया गया था लेकिन, 31 लोगों में से केवल 1 अभ्यर्थी मौके पर पहुंची. उसके प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो उसके सभी प्रमाण पत्र सही पाए गए लेकिन, एक प्रमाण पत्र संदिग्ध लग रहा था जिसकी जांच कराई जा रही है. उक्त अभ्यर्थी का कहना है कि उसका प्रमाण पत्र सही है. उसके कहीं भी जांच कराई जा सकती है गलत होने पर उस पर कार्रवाई हो सकती है. फोन पत्र के संबंधित संस्थान से जांच कराई जाएगी. 

वीडियो - 2 : जिला शिक्षा पदाधिकारी का बयान : 


क्या नियोजन इकाई द्वारा हुई है गड़बड़ी ?

यह पूछे जाने पर कि क्या नियोजन इकाई के द्वारा भी इस तरह की गड़बड़ी की गई है. डीइओ ने कहा है कि ऐसा संभव नहीं प्रतीत हो रहा क्योंकि, आवेदन डाक के माध्यम से गए हैं जिनकी जांच नियोजन इकाई को करनी ही करनी है. ऐसे में यह संभव नहीं प्रतीत हो रहा हालांकि, उनकी भूमिका की भी जांच कराई जाएगी.

मंगलवार को 52 बुधवार को 46 लोगों के प्रमाण पत्रों की होनी थी जांच :

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि मंगलवार को 52 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने के लिए उन्हें बुलाया गया था जिनमें से केवल 9 लोग पहुंचे थे बाकी 43 लोग नहीं पहुंचे. इसके बाद बुधवार 46 लोगों के प्रमाण पत्र की जांच के लिए उन्हें बुधवार को बुलाया गया था अन्य लोगों के प्रमाण पत्रों की जांच गुरुवार को की जाएगी. उन्होंने बताया कि अकेले नावानगर से बुधवार को 31 अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र की जांच कराने आना था लेकिन उसमें से केवल एक ही अभ्यर्थी उपस्थित हुए ऐसे में नियोजन इकाई को कहा गया है कि उन्हें अब मौका नहीं मिलना चाहिए और ऐसा प्रतीत भीबहो रहा है कि उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने की चेष्टा की है.










Post a Comment

0 Comments