अनुसूचित बस्ती में पहुंचने पर स्थानीय निवासी धौकड़ी राम ने बताया कि डीलरों के द्वारा राशन वितरण में काफी मनमानी की जाती है. यहां तक कि लाभुकों का अंगूठा निशान स्कैन कराने के बाद भी उन्हें राशन नहीं दिया जाता. इतना ही नहीं जनप्रतिनिधि यह भी कह रहे हैं कि यदि अमुक व्यक्ति को वोट दिया तो ही राशन की व्यवस्था दुरुस्त हो पाएगी.
- 11 हजार की आबादी वाले तियरा पंचायत में राशन से लेकर जलापूर्ति तक की समस्या
- ग्रामीणों ने कहा, सुनते नहीं है प्रतिनिधि, हालात बद से बदतर
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : कहा जाता है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. गांवों के विकास के लिए सरकारों के द्वारा लगातार प्रयास किए जाने तथा काफी राशि का व्यय किए जाने के बावजूद सुदूर गांवों तक विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाती. ऐसे में न सिर्फ व्यवस्था बल्कि जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगते हैं.
पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज होने के साथ ही पंचायतों में विकास का हाल जानने तथा भावी प्रत्याशियों वादों तथा उन पर जनता की प्रतिक्रिया जानने के लिए हम विभिन्न पंचायतों में चौपाल लगा रहे हैं. जिसके तहत राजपुर प्रखंड के तियरा पंचायत के स्थानीय गाँव में पहुंचे जहां गांव तथा पंचायत की समस्याओं तथा अब तक हुए विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की. बताया गया कि यह पंचायत 6 गांवों को मिलाकर बनी है, जिसमें तकरीबन ग्यारह हजार की आबादी है. स्थानीय निवासियों ने चौपाल के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति, खाद्यान्न समेत विभिन्न मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी.
सरोज साह बताते हैं कि पंचायत के मनोहरपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन, वहां चिकित्सक कभी-कभी आते हैं. अस्पताल भी नियमित रूप से नहीं खुलता है. ऐसे में कोई भी स्वास्थ्य समस्या होने पर राजपुर का रुख करना होता है. विनोद केसरी का भी लगभग यही कहना है. कृष्ण कुमार गुप्ता तथा श्रीराम सिंह बताते हैं कि जलजमाव की समस्या सबसे प्रमुख समस्या है. इसके निदान के लिए किसी प्रतिनिधि ने कोई पहल नहीं की. स्थानीय युवा आकाश कुमार मानते हैं कि नालियों का अतिक्रमण करना जलजमाव का प्रमुख कारण है, जिसके लिए प्रतिनिधियों को प्रयास करने चाहिए. अनुसूचित बस्ती में पहुंचने पर स्थानीय निवासी धौकड़ी राम ने बताया कि डीलरों के द्वारा राशन वितरण में काफी मनमानी की जाती है. यहां तक कि लाभुकों का अंगूठा निशान स्कैन कराने के बाद भी उन्हें राशन नहीं दिया जाता. इतना ही नहीं जनप्रतिनिधि यह भी कह रहे हैं कि यदि अमुक व्यक्ति को वोट दिया तो ही राशन की व्यवस्था दुरुस्त हो पाएगी.
अवधेश राम ने बताया कि तकरीबन 2 हज़ार लोगों की आबादी वाली बस्ती में केवल 15 से 20 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है. अधिकारियों के कथित दलाल 20 हज़ार तक घूस लेते हैं लेकिन, फिर भी उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलता. इंदल राम तथा ओम प्रकाश राम बताते हैं कि अनुसूचित बस्ती में नाली निर्माण नहीं होना भी एक प्रमुख समस्या है. इसके अतिरिक्त शौचालय आदि निर्माण के लिए भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. मौके पर पहुंचे मुखिया प्रतिनिधि पिंटू शर्मा ने बताया की मुखिया के कार्यकाल में विकास के कई कार्य हुए हैं. हाल ही में वार्ड संख्या 3 में हाई स्कूल के पास सड़क निर्माण, सखुआना तथा बहुआरा में सड़क निर्माण आदि के कार्य किए गए हैं. इसके अतिरिक्त तियरा बाजार के मुख्य सड़क के निर्माण के साथ-साथ सड़क तथा सड़क के दोनों किनारे नाली निर्माण का प्रस्ताव गया है, उम्मीद है कि इस माह के बाद काम शुरू भी हो जाए.
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