डॉ अनुराधा ने बंदियों को मानसिक रोग के के कारण तथा उनसे बचने के उपाय बताए. उन्होंने साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर, अनिद्रा, मंदबुद्धि रोगियों की पहचान और उससे बचाव के उपाय के साथ-साथ बिस्तर पर पेशाब करना, मस्तिष्क ज्वर के बाद हुए मानसिक रोग, हकलाना, तुतलाना, पढ़ाई में मन नहीं लगाने जैसे लक्षणों को भी मानसिक रोग ही बताया.
- केंद्रीय कारा में आयोजित हुआ था कार्यक्रम
- केंद्रीय कारा के चिकित्सक के साथ-साथ मनोचिकित्सक भी रहे मौजूद
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: विश्व मानसिक दिवस के अवसर पर केंद्रीय कारा में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सदर अस्पताल में कार्यरत मानसिक रोग चिकित्सक संजय कुमार, क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक डॉ अनुराधा, कारा चिकित्सक डॉ अमरेंद्र आनंद, कारा अधीक्षक राजीव कुमार उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
मौके पर डॉ अनुराधा ने बंदियों को मानसिक रोग के के कारण तथा उनसे बचने के उपाय बताए. उन्होंने साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर, अनिद्रा, मंदबुद्धि रोगियों की पहचान और उससे बचाव के उपाय के साथ-साथ बिस्तर पर पेशाब करना, मस्तिष्क ज्वर के बाद हुए मानसिक रोग, हकलाना, तुतलाना, पढ़ाई में मन नहीं लगाने जैसे लक्षणों को भी मानसिक रोग ही बताया. उन्होंने बताया कि इसका इलाज संभव है. कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि मानसिक रोग दिवस के मौके पर मानसिक रोगों के संदर्भ में जागृत करते हुए इससे बचने के उपायों का अनुपालन करने का अनुरोध किया. मौके पर सभी कारा कर्मी एवं बंदी उपस्थित रहे.
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