कहना है कि सुरक्षा बल की कमी होने के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है. लोग इधर-उधर से भाग निकल रहे हैं. टोका-टाकी करने पर लोग गाली-गलौज तक को उतारू हो जा रहे हैं. ऐसे में काफी प्रयास के बाद भी 400 से लेकर 600 तक लोगों की जांच ही प्रतिदिन हो पा रही है.
- सुरक्षा बल की कमी के कारण आधा ही रह जा रहा जाँच का लक्ष्य
- प्रतिनियुक्त कर्मियों ने कहा गाली-गलौज तक उतारू हो जा रहे हैं रेलयात्री
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : दूसरे राज्यों से आने वाले रेल यात्रियों की आवश्यक रूप से संक्रमण की जांच किए जाने का निर्देश जिला प्रशासन के द्वारा दिया गया है. जिला पदाधिकारी अमन समीर का निर्देश है कि प्रतिदिन कम से कम 1 हज़ार यात्रियों की जांच हो लेकिन, ऐसा हो नहीं पा रहा है. जांच का दायरा 50 फीसद तक सिमट कर रह जा रहा है. पूछने पर जांच करने के लिए प्रतिनियुक्त कर्मियों का कहना है कि सुरक्षा बल की कमी होने के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है. लोग इधर-उधर से भाग निकल रहे हैं. टोका-टाकी करने पर लोग गाली-गलौज तक को उतारू हो जा रहे हैं. ऐसे में काफी प्रयास के बाद भी 400 से लेकर 600 तक लोगों की जांच ही प्रतिदिन हो पा रही है.
सोमवार को रेलवे स्टेशन पर बनाए गए कोविड-19 जाँच केंद्र पर मौजूद डॉक्टर वी०के० सिंह ने बताया कि जांच के लिए रोके जाने पर यात्रियों के अलग-अलग बहाने होते हैं. कुछ का यह कहना होता है कि उन्होंने कोविड वैक्सीन ले ली है तो कुछ यह बताते हैं कि उन्होंने कुछ महीनों पूर्व जांच कराई थी लेकिन, जब उन्हें यह समझाया जाता है कि संक्रमण की जांच करानी इसलिए आवश्यक है ताकि संक्रमण से उनके अपनों के बीच ना फैले तो वह गाली-गलौज को भी उतारु हो जाते हैं तथा नौकरी से हटवा देने की धमकी देने लगते हैं. ऐसे में खुद की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें यूं ही जाने दिया जाता है.
डॉ वी०के० सिंह के मुताबिक चुनाव तथा अन्य कारणों का हवाला देकर यहां पुलिस कर्मियों की नियुक्ति नहीं की गई है. पिछले दिनों महिला पुलिस कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी लेकिन, उनकी बात भी रेलयात्री नहीं मानते थे. ऐसे में प्रशासन को सुरक्षा बल मुहैया कराना होगा तभी जाकर जांच का लक्ष्य पूरा हो सकेगा.
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