बाल कल्याण समिति ने सामने रखी 1 वर्ष की प्रोग्रेस रिपोर्ट ..

यह बालक 8 वर्षों से अपने माता-पिता से दूर था एवं अन्य राज्य तथा जिलों में रहते हुए बक्सर पहुंचा था. उस बच्चे को समिति के अथक प्रयास से माता-पिता के पास पहुंचाया गया वहीं, उत्तर प्रदेश, कैमूर तथा रोहतास के तीन बच्चे जो कि 1 वर्ष से बाल गृह में आवासित थे. 


 





- बताया, किस प्रकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा कर रही समिति

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बाल कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष मदन सिंह के द्वारा समिति के द्वारा पिछले 1 वर्ष में किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि बाल कल्याण समिति निराश्रित बच्चों के लिए लगातार कार्य कर रही है. समिति के द्वारा सड़क तथा अन्य स्थानों से मिले निराश्रित 16 बच्चों को विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान भोजपुर तथा कैमूर में आवासित किया गया, जिनमें नवजात बच्चियों की संख्या 9 तथा बच्चों की संख्या 7 थी, जिनमें दो बालिकाओं की इलाज के दौरान मौत हो गई वहीं, दो को निःसंतान दंपत्ति के द्वारा गोद ले लिया गया.

वहीं, 6 बालक-बालिका दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया में है. इसके अतिरिक्त 4 बालक-बालिकाओं को दत्तक ग्रहण को इच्छुक लोगों को सौंपे जाने तैयारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि बाल कल्याण समिति के प्रयास से विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान, कैमूर के एक बालक को पटना के दंपत्ति ने गोद लिया वहीं, एक बालिका को कनाडा के दंपत्ति ने गोद लिया था. 

समिति के आदेश पर 29 अन्य बच्चों को निशांत बालिका गृह, पटना आशा किरण मशाल, पटना अल्पावास गृह, बक्सर आसरा गृह, राजीव नगर, पटना एवं जाँच के लंबन में माता-पिता के सुपुर्द किया गया है. इसके अतिरिक्त भूले भटके भिक्षाटन करने वाले बाल-श्रमिक बच्चों को सुरक्षित रखना एवं उनके माता-पिता का पता लगाकर उनके सुपुर्द करने का कार्य भी बाल कल्याण समिति के द्वारा लगातार किया जा रहा है. 


कोविड में अभिभावक खो चुके बच्चों को सहायता प्रदान कर रही समिति :

मदन सिंह ने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा 30 बालक बालिकाओं की सूची समिति को उपलब्ध कराई गई है. जिनके माता-पिता में से कोई भी एक अभिभावक के मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हो गई है. समिति के द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई को सभी बच्चों की जानकारी को मुख्यमंत्री बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड करते हुए उन्हें योजना का लाभ दिलाने का आदेश दिया गया है. वहीं समिति द्वारा स्वयं संज्ञान लेते हुए 3 बच्चों जिनके माता पिता की मृत्यु कोरोना वायरस से हो गई है उन्हें परवरिश योजना से जोड़ने का आदेश दिया गया है.

यौन हिंसा से संबंधित मामले में कराया गया एफआइआर :

अध्यक्ष ने बताया कि पिछले कुछ दिन पूर्व सिकरौल थाना क्षेत्र से यौन हिंसा का एक मामला सामने आया था जिसमें समिति के द्वारा सक्रियता बरतते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. उस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हुई है. इसके अतिरिक्त ऐसे ही अन्य मामलों में भी समिति तत्परता बरतते हुए पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करती है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर से एक बच्चा भटकता हुआ बक्सर चला आया था. यह बालक 8 वर्षों से अपने माता-पिता से दूर था एवं अन्य राज्य तथा जिलों में रहते हुए बक्सर पहुंचा था. उस बच्चे को समिति के अथक प्रयास से माता-पिता के पास पहुंचाया गया वहीं, उत्तर प्रदेश, कैमूर तथा रोहतास के तीन बच्चे जो कि 1 वर्ष से बाल गृह में आवासित थे. समिति के द्वारा अथक प्रयास कर उन्हें उनके माता-पिता से मिलवा दिया गया. मौके पर बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ० शशांक शेखर, नवीन पाठक एवं योगिता सिंह मौजूद रहे.








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