कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए ठिठुरते श्रद्धालुओं ने दिखाया व्यवस्था को आइना ..

सर्दी की रात में सभी खुले में रात गुजारने को विवश रही लेकिन जिला प्रशासन, नगर परिषद अथवा किसी अन्य सामाजिक संगठन के द्वारा उनके लिए कहीं कोई व्यवस्था नहीं की गई थी जबकि नमामि गंगे परियोजना के तहत जागरूकता के नाम पर हर महीने लाखों रुपयों का खर्च प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. 

मंदिर में रात गुजारती महिलाएं





- खुले में रात गुजारने को विवश रही स्नानार्थी महिलाएं
- दूर-दराज से स्नान को पहुंची थी महिलाएं

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पटना, आरा तथा राज्य के विभिन्न जिलों से श्रद्धालुओं ने रामरेखा घाट समेत विभिन्न घाटों पर पहुंचकर गंगा में डुबकी लगा मंगल कामना की. स्नानार्थियों की भीड़ गुरुवार की शाम से ही नगर में पहुंचने लगी थी जिसके कारण रेलवे स्टेशन परिसर खचाखच भरा हुआ था. इसके अतिरिक्त रामरेखा घाट विवाह मंडप, रामेश्वर नाथ मंदिर तथा अन्य मंदिरों में भी स्नानार्थियों ने शरण ले रखी थी. कुछ महिला स्नानार्थी किला मैदान स्थित रामलीला मंच भी पहुंची. सर्दी की रात में सभी खुले में रात गुजारने को विवश रही लेकिन जिला प्रशासन, नगर परिषद अथवा किसी अन्य सामाजिक संगठन के द्वारा उनके लिए कहीं कोई व्यवस्था नहीं की गई थी जबकि नमामि गंगे परियोजना के तहत जागरूकता के नाम पर हर महीने लाखों रुपयों का खर्च प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. इतना ही नहीं देव-दीपावली के मौके पर सांस्कृतिक भजन संध्या एवं अन्य कार्यक्रमों के नाम पर भी प्रशासन दिल खोलकर खर्च कर रही है लेकिन, ऐतिहासिक नगरी में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के सिर छुपाने के लिए भी कोई बेहतर व्यवस्था करने की पहल नहीं हो रही है.



स्थानीय रेलवे स्टेशन पर अवस्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर के पुजारी रंगीला बाबा कहते हैं कि हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु महिलाएं सर्द रात में ठिठुरती देखी गई लेकिन, किसी प्रकार की कोई प्रशासनिक पहल नहीं किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है जबकि धार्मिक व पौराणिक दृष्टिकोण से प्रसिद्ध नगर में वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए थी जिससे कि यह पर्यटक यहां पहुंचने में संकोच ना करें. सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी कुमार वर्मा ने कहा कि ऐतिहासिक व पौराणिक विरासत को समेटे बक्सर के विकास के लिए जमीनी स्तर पर कभी कोई योजना बनी ही नहीं. ऐसे में नई पीढ़ी तो अब गंगा स्नान तथा अन्य प्रयोजनों पर नगर में आने से भी कतराती है वहीं, पुरानी पीढ़ी कि जो माता-बहनें यहां पहुंच रही है उनके लिए कोई व्यवस्था ना होना काफी व्यथित करता है. मामले में नमामि गंगे के नोडल पदाधिकारी आशुतोष कुमार राय तथा नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद इंद्र प्रताप सिंह से प्रशासन का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन, उनका फोन नहीं उठने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.







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