इधर 48 घण्टे बाद पर्व होने तथा कोई जाम नहीं होते देख समाजिक कार्यकर्ताओं व गांव के युवाओं ने गंगा की दूसरी तरफ से बोरी में बालू भर कर गंगा के तट पर रखते हुए घाट को अर्ध्य देने लायक बनाया गया. भीड़-भाड़ वाले कई घाटों पर युवाओं द्वारा स्वयं श्रमदान कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया.
- छठ की तैयारी में केवल बैरिकेटिंग तक समित रह गई नप की व्यवस्था
- डी एम, एस पी ने भी किया महादेवा घाट पर अर्घ्य देने की व्यवस्थाओं का निरीक्षण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चौसा नगर पंचायत घोषित हुआ. कार्य के गठन के साथ स्वच्छता के अलावे शहरी विकास की बात की गई. लोगों में आस थी, इस बार छठ पर्व नगर पंचायत की ओर से बेहतर व्यवस्था बनेगी, जहाँ साफ-सफाई से लेकर छठ घाट तक विधि-व्यवस्था की जिम्मेवारी नगर परिषद की होगी लेकिन, यहाँ सारा सिस्टम फेल रहा. जब नगर परिषद से साफ सफाई की आस टूट गई तो ग्रामीणों ने खुद ही सफाई से लेकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का कार्य किया.
विगत दिनों गंगा नदी का जलस्तर बढा और फिर घटने के बाद सारे तटीय घाट का स्वरूप बदल गया है. कीचड़ भरे घाट पर लोग स्नान कर लेते थे लेकिन, आस्था के इस पर्व पर छठ घाट बदहाल हो गए थे. जिम्मेवारी के बाद नगर पंचायत की ओर से छठ घाट पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही किया गया. केवल कागजी कोरम के तहत नगर पंचायत के अधिकारियों ने पानी की गहराई में बैरिकेटिंग करा अपने कार्य को पूरा कर व्यवस्था से इतिश्री कर ली. इधर 48 घण्टे बाद पर्व को होने तथा कोई जाम नहीं होते देख समाजिक कार्यकर्ताओं व गांव के युवाओं ने गंगा की दूसरी तरफ से बोरी में बालू भर कर गंगा के तट पर रखते हुए घाट को अर्ध्य देने लायक बनाया गया. भीड़-भाड़ वाले कई घाटों पर युवाओं द्वारा स्वयं श्रमदान कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया.
डीएम ने दिया महादेवा घाट को बैरिकेटिंग व घाटों की सफाई कराये जाने का निर्देश :
मंगलवार को चुनाव की समीक्षा करने चौसा आये डीएम अमन समीर व एसपी नीरज कुमार सिंह, डीडीसी डॉ योगेश कुमार सागर ने समीक्षा बैठक के बाद गंगा तटों के निरीक्षण के तहत महादेवा घाट पहुंचे. जहाँ घाट की स्थिति का जायजा लिया. वहीं उन्होंने भीड़ की जानकारी ली. उन्हें यह बताया गया कि यह अपने क्षेत्र के अलावा अन्य प्रखण्ड व जिले की छठव्रती महिला छठ करने आती है जिस कारण यहाँ भारी भीड़ होती है. इसको देखते हुए अंचलादाधिकारी को छठ घाट पर बैरिकेटिंग व सफाई का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बैरिकेटिंग के बाद खतरे के निशान वाला प्रतीक चिह्न व गोताखोर की व्यवस्था की जाए.
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