यह हमारे ही चरित्र, हमारे ही घर, परिवार व समाज की कहानी है. दरअसल भगवान श्रीराम मानवता के पुजारी हैं. अतः जिनके मन में मानवता को जगाने का भाव है, उन सभी के घर के सदस्य हैं भगवान श्रीराम. यही वजह है कि न केवल सनातन धर्म, बल्कि इंडोनेशिया समेत कई अन्य देशों में भी श्रीराम को मानने वाले लोग निवास करते हैं.
- किला मैदान में आयोजित हुई है श्री राम कथा
- निवर्तमान विधायक प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी ने किया उद्घाटन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : विश्वामित्र स्वास्थ कल्याण समिति के तत्वावधान एवं श्रीधाम वृन्दावन से पधारी प्रिया तिवारी जी के सान्निध्य मे 13 से 19 नवंबर तक किला मैदान के रामलीला मंच पर श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है. प्रथम दिन कलश-यात्रा से आरंभ होकर श्रीराम कथा की शुरुआत दीप प्रज्जवलन और आरती से की गई. कथावाचिका प्रिया तिवारी ने बहुत ही सरल एवं रोचक ढंग से श्रीराम कथा के माध्यम से वैयक्तिक चरित्र निर्माण, पारिवारिक-सामाजिक समस्याएं एवं उनके निवारण हेतु मानवीय दायित्व तथा मूल्यों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा कोरी कथा मात्र नहीं है, अपितु यह हमारे जीवन का समग्र दर्शन है. इसलिए हमें यह कथा इस भाव से सुननी चाहिए कि यह हमारे ही चरित्र, हमारे ही घर, परिवार व समाज की कहानी है. दरअसल भगवान श्रीराम मानवता के पुजारी हैं. अतः जिनके मन में मानवता को जगाने का भाव है, उन सभी के घर के सदस्य हैं भगवान श्रीराम. यही वजह है कि न केवल सनातन धर्म, बल्कि इंडोनेशिया समेत कई अन्य देशों में भी श्रीराम को मानने वाले लोग निवास करते हैं.
मानवता पूरे विश्व का आलंबन है, इस नाते श्रीराम अपने चरित्र एवं आचार में पूरी सृष्टि को समाहित करते हैं. हमारे जीवन में कई बार ऐसे पल आते हैं, जब हम बहुत विचलित होते हैं, भ्रमित होते हैं, निश्चयत: उस परिस्थिति में श्रीराम कथा हमें बहुत बड़ा संबल प्रदान करती है. श्रीराम कथा का आशय समझाते हुए उन्होंने कहा कि हमें मुख्यत: दो तरह की कथाएं ज्यादा पसंद होती हैं- पहला, आपबीती और दूसरा, जगबीती. उन्होंने कहा कि जब हम एक-दूसरे से मिलते हैं, तो राम-राम कहते हैं. हमें यह सोचना चाहिए कि श्रीराम के चरित्र से हम कितने करीब हैं. साथ ही समुपस्थित माताएं इस पर विचार करें कि रामायण में जितनी भी माताओं का वर्णन किया गया है, उनमें से मैं कहां हूं. हमें हमेशा श्रीराम बनकर जीवन जीने की चेष्टा करनी चाहिए. इससे जीवन में कभी कोई क्लेश नहीं होगा, विचलन नहीं होगा. क्योंकि, श्रीराम कथा घर चलाना सिखाती है. श्रीराम कथा हमें अच्छा मानव बनाती है. आशीर्वाद, प्यार और सम्मान- अगर ये तीन चीजें किसी व्यक्ति को मिल जाएं, तो उसके जीवन में किसी तरह की कोई कमी नहीं रह जाएगी. दीप प्रज्ज्वलन के साथ मंच का उद्घाटन निवर्तमान विधायक प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी व संजीव कुमार ने किया. इस दौरान मुख्य रुप से श्री रामलीला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पांडेय, सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा, संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता मुख्य रुप से उपस्थित थे.
मौके पर कार्यक्रम के मुख्य यजमान राम उदार उपाध्याय एवं आयोजन समिति के सचिव किशोर दूबे ने संयुक्त रुप से अपने संबोधन में कहा कि श्रीराम कथा का श्रवण हमें मन से, कर्म से और आचरण से परिपक्व बनाता है. इसलिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में कथा में पहुँचकर कथामृत का पान अवश्य करना चाहिए.
0 Comments