30 दिन के काम को 365 दिन में भी नहीं निपटाया, व्यवस्था की बदहाली से आवेदनों का लगा अंबार ..

दबी जुबान से लोग यह भी बताते हैं कि भले ही दाखिल-खारिज का काम भले ही लटका कर रखा जाता हो लेकिन दलालों के माध्यम से अगर कुछ पैसे खर्च किए जाए तो यह 15 से 20 दिनों में ही हो जाता है. निश्चित रूप से अधिकारियों की लापरवाही से अवैध धंधेबाज भी पुष्पित- पल्लवित हो रहे हैं.




- दाखिल खारिज के मामलों को लेकर उदासीन हैं अंचलाधिकारी व कर्मी
- सदर अंचल में 1 वर्ष से लटके हुए हैं हजारों आवेदन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  भूमि सुधार विभाग के द्वारा ऑनलाइन दाखिल-खारिज तथा परिमार्जन की व्यवस्था की है लेकिन, अधिकारियों की सुस्ती के कारण व्यवस्था ऑफलाइन मोड से भी बदहाल हो गई है. सदर अंचल में दाखिल-खारिज लंबित आवेदनों अंबार बढ़ता जा रहा है. हालात यह हो गए हैं कि 30 दिन में निष्पादित किए जाने वाले दाखिल-खारिज का कार्य 365 दिन में भी पूरा नहीं हो पा रहा है वहीं,15 दिनों में पूरा होने वाले परिमार्जन का कार्य भी लगातार लटका रह रहा है.




दिसंबर 2017 से अंचल कार्यालय में शुरू हुए ऑनलाइन दाखिल-खारिज कार्यों में की धीमी गति का हवाला पहले तो तकनीकी समस्याओं को दिया जाता रहा फिर कार्य की अधिकता को भी आवेदनों के निष्पादन में बाधक बताया गया लेकिन, यह केवल एक बहाना था आवेदकों का कहना है कि लंबित आवेदनों की बढ़ती संख्या का असली कारण अधिकारियों की सुस्ती और लापरवाही है.




एक तरफ जहां भू-राजस्व विभाग भूमि से जुड़े मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए लगातार नए प्रयोग कर रहा है वहीं, एक साल से ज्यादा समय से दाखिल - खारिज और परिमार्जन का कार्य लंबित पड़ा है जिसके कारण लोग लगातार कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने जमीन का क्रय किया है और अब वह दाखिल-खारिज करना चाहते हैं लेकिन, कई महीनों से उनके आवेदनों को लंबित रखा गया है. दबी जुबान से लोग यह भी बताते हैं कि भले ही दाखिल-खारिज का काम भले ही लटका कर रखा जाता हो लेकिन दलालों के माध्यम से अगर कुछ पैसे खर्च किए जाए तो यह 15 से 20 दिनों में ही हो जाता है. निश्चित रूप से अधिकारियों की लापरवाही से अवैध धंधेबाज भी पुष्पित- पल्लवित हो रहे हैं.

छह माह में 2 हजार से ज्यादा म्यूटेशन और 3 हज़ार से ज्यादा परिमार्जन के लंबित है आवेदन:

सदर अंचल में दाखिल-खारिज और परिमार्जन का हाल बहुत ही बुरा है. यहां ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए लोग आवेदन तो कर देते हैं लेकिन, उनका दाखिल खारिज होगा या नहीं यह निश्चित नहीं होता. अंचल कार्यालय के सूत्रों की माने तो पिछले 12 नवंबर को जब वर्तमान अंचलाधिकारी प्रियंका राय छुट्टी पर गई थी उस समय से लेकर अब तक तकरीबन 550 दाखिल खारिज के आवेदन कर्मचारी के यहां अग्रसारित तक नहीं हो पाए. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि, अंचलाधिकारी का लॉगइन बंद है  हालांकि, उनके रहते हुए भी आवेदनों के निष्पादन की संख्या बेहद धीमी थी. ऐसे में पिछले 6 माह में दो हजार से ज्यादा दाखिल खारिज और 3 हज़ार से ज्यादा परिमार्जन के आवेदन लंबित पड़े हुए हैं.

कहते हैं अधिकारी :

अंचलाधिकारी के छुट्टी पर होने के कारण मैं वर्तमान में यहां प्रभार में हूं. मैं केवल जाति, आय और आवास प्रमाण पत्र आदि बना सकता हूं. इसके अतिरिक्त दाखिल-खारिज के लंबित आवेदनों के बारे में छुट्टी से आने के बाद ही अंचलाधिकारी कुछ बता पाएंगी.

बृज बिहारी प्रसाद
अंचलाधिकारी, चौसा सह
प्रभारी अंचलाधिकारी, सदर अंचल



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