किसान दिवस के रूप में मना शरद पवार का जन्मदिवस ..

जबकि महान अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं कृषि मंत्री पवार साहब की बदौलत भारत पर मंदी का कोई असर नहीं पड़ा था. उस समय क्रूड ऑयल विदेशों से महँगा आता था और भारत में पेट्रोल, डीजल, गैस सस्ता मिलता था. सरसो तेल आज की तिथि में अबतक के उच्चतम दाम पर हैं. गृहणियों एवं आम आदमी के लिए पहुँच के बाहर हो गई हैं.


- राकांपा कार्यकर्ताओं ने कहा, किसानों के सच्चे हितैषी हैं शरद पवार
- कहा, किसानों के लिए शरद पवार ने किए ऐतिहासिक फैसले

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : हॉल में राष्ट्रवादी कॉग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार का 81 वाँ जन्मदिन नया बाज़ार स्थित एक मैरिज हॉल में रविवार को केक काटकर धूमधाम से मनाया गया. इस दिवस को किसान दिवस का नाम दिया गया था. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डॉ० सुभाष चन्द्र ओझा ने की वहीं संचालन मो० मंजर हुसैन द्वारा किया गया. मौके पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह कोर कमेटी के सदस्य बिनोधर ओझा ने कहा कि श्री पवार का जन्मदिन किसान दिवस के रूप में इसलिए मना रहे हैं, क्योकि वह बारामती के एक प्रतिष्ठित किसान हैं. किसानों की समस्याओं से बखूबी वाकिफ हैं. 



उन्होंने कहा कि देश में मनमोहन सिंह की पहली सरकार बनी तो श्री पवार कृषि मंत्री बने. उस समय खेती घाटे का सौदा साबित हो रही थी, किसान खेती से भाग रहे थे, उनका लागत भी नहीं आ रहा था, जिसे देखते हुए उन्होंने गेहूँ का समर्थन मूल्य  400 रुपये से 800 रुपये और धान का समर्थन मूल्य 500 से 1000 हज़ार रुपये कर दिया. कर्ज के बोझ से दबे हुए तथा आत्महत्या कर रहे किसानों को की हालत को देखते हुए पवार साहब ने भारत का क्रांतिकारी ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 74 हजार करोड़ रुपये भारत के किरायों का माफ किया एवं पुनः ऋण देने की भी व्यवस्था की. इस कदम पर भाजपा की पूँजीपतियों की सरकार ने आपत्ति की जबकि मोदी सरकार ने 5 हजार करोड़ पूँजीपतियों के ऋण माफ किया. आज किसान मोर्चा का आन्दोलन 378 दिनों तक चला तथा 700 से अधिक किसान मरे दिन यदि कृषि मंत्री पवार साहब होते तो यह दिन नहीं देखना पड़ता.

बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर पाण्डेय ने कहा कि भारत भीषण महगाई के दौर से गुजर रहा है, जबकि पूरा विश्व मनमोहन सरकार में मंदी के दौर में था, कल-कारखाने बंद हो रहे थे, विदेशों में काम कर रहे भारतीयों को लौटाया जा रहा था, जबकि महान अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं कृषि मंत्री पवार साहब की बदौलत भारत पर मंदी का कोई असर नहीं पड़ा था. उस समय क्रूड ऑयल विदेशों से महँगा आता था और भारत में पेट्रोल, डीजल, गैस सस्ता मिलता था. सरसो तेल आज की तिथि में अबतक के उच्चतम दाम पर हैं. गृहणियों एवं आम आदमी के लिए पहुँच के बाहर हो गई हैं.

जिलाध्यक्ष डॉ. सुभाष ओझा ने कहा कि आज जो धान का समर्थन मूल्य 1950 रुपया है वह पवार साहब की देन मौके पर जिला महासचिव राकेश पाण्डेय, डुमरांव प्रखण्ड अध्यक्ष अंकित चौबे, जिला महासचिव मिठाई लाल, जिला सचिव मुन्ना' वर्मा, बक्सर प्रखण्ड अध्यक्ष हरिश्चन्द शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष अजय गुप्ता, कन्हैया प्रसाद, धनु मिस्त्री, हामिद रजा खां, शिव नंदन ठाकुर, संतोष ठाकुर, आदि लोग थे.





Post a Comment

0 Comments