उस दिन शाम चार बजे के करीब जब वे कोर्ट के उत्तरी गेट से बाहर निकले, तभी घात लगाए अपराधियों ने उन्हें घेर लिया. जान बचाने के प्रयास में वह भागे, लेकिन हमलावरों ने पीछा कर उन्हें गोली मार दी. मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी.
– पुराने जमीनी विवाद से जुड़ा था मामला, बक्सर कोर्ट में सुनाया गया फैसला
– सजा के निर्धारण पर फैसला सुरक्षित, अभियोजन पक्ष ने जताया संतोष
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के चर्चित अधिवक्ता चितरंजन सिंह हत्याकांड में बुधवार को जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत ने पांच आरोपियों को हत्या का दोषी करार दिया है. अदालत ने करीब छह वर्षों तक चली सुनवाई के बाद यह अहम फैसला सुनाया. घटना 21 अगस्त 2019 की है, जब अधिवक्ता चितरंजन सिंह की हत्या कोर्ट से निकलते ही कर दी गई थी.
चितरंजन सिंह बक्सर कोर्ट में वकालत करते थे और उस दिन शाम चार बजे के करीब जब वे कोर्ट के उत्तरी गेट से बाहर निकले, तभी घात लगाए अपराधियों ने उन्हें घेर लिया. जान बचाने के प्रयास में वह भागे, लेकिन हमलावरों ने पीछा कर उन्हें गोली मार दी. मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. घटना को लेकर मृतक के भाई जगमोहन सिंह ने नगर थाना में सात लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
विवेचना और साक्ष्यों के आधार पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दो अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया, जबकि पांच आरोपियों — यशवंत यादव, यशोदेव यादव, उमाशंकर यादव, वशिष्ठ यादव और विशंभर यादव — को दोषी माना. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि दोष सिद्ध होने के बाद अब अदालत ने सजा के बिंदु पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसे जल्द सुनाया जाएगा.
खूंटी यादव के पुत्रों को ठहराया गया दोषी
गौरतलब है कि जिन दो अभियुक्तों — यशवंत यादव और यशोदेव यादव — को दोषी ठहराया गया है, वे मृतक खूंटी यादव के पुत्र हैं. खूंटी यादव की भी कुछ वर्ष पूर्व इटाढ़े रेलवे क्रॉसिंग के पास हत्या कर दी गई थी, जब वे अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठे गुमटी खुलने का इंतजार कर रहे थे.
बताया जाता है कि चितरंजन सिंह का अपने गांव जगदीशपुर (थाना- मुफस्सिल) में कुछ लोगों से जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था. इसी रंजिश का नतीजा उनकी हत्या के रूप में सामने आया. इस हत्याकांड ने न्यायिक क्षेत्र में उस समय काफी हलचल मचाई थी. अब पांच लोगों को दोषी करार दिए जाने के बाद मृतक परिवार को आंशिक न्याय मिला है.
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