जांच के दौरान सुरक्षा में सेंध बढ़ा रही संक्रमण का खतरा ..

स्टेशन पर हो रही जांच के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को होने वाली समस्याओं तथा जांच की स्थिति का जायजा लेने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा भी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत की स्वास्थ्य कर्मियों के अनुरोध पर उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को भी दुरुस्त किए जाने का आश्वासन दिया.
स्टेशन पर स्वास्थ्यकर्मियों से बात करते अनुमंडल पदाधिकारी


- विभिन्न राज्यों से आने वाले रेल यात्रियों की स्टेशन पर हो रही जांच
- सुरक्षा बल की कमी बन रही जांच में बाधक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार में कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. राजधानी पटना में संक्रमण के 15 नए मामले मिले हैं, जिसमें से एक महिला की मौत भी हो गई है. ऐसे में जिले में भी संक्रमण के प्रति सख्ती बढ़ा दी गई है. प्रशासन के द्वारा लोगों को लगातार वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है वहीं, रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू कर दी गई है लेकिन, सुरक्षा बल की कम संख्या जांच अभियान में सेंध लगा दे रही है. स्वास्थ्य कर्मियों के देखते-देखते यात्री आराम से बाहर निकल जा रहे हैं. मौके पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि पहले चुनाव के नाम पर सुरक्षाबलों की कमी थी लेकिन अब चुनाव खत्म हो जाने के बावजूद सुरक्षा बल नहीं बढ़ाए गए हैं, ऐसे में यात्रियों को रोक पाना मुश्किल होता है कई यात्री तो उनसे उलझ भी जाते हैं. 




स्टेशन पर हो रही जांच के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को होने वाली समस्याओं तथा जांच की स्थिति का जायजा लेने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा भी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत की स्वास्थ्य कर्मियों के अनुरोध पर उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को भी दुरुस्त किए जाने का आश्वासन दिया.

बैरिकेडिंग तोड़कर आसानी से निकल जा रहे लोग :

बाहर से आने वाले हर रेल यात्री की जांच सुनिश्चित हो सके इसके लिए प्लेटफार्म के पश्चिमी छोर की बैरिकेडिंग की गई थी ताकि, कोई भी रेल यात्री निकल कर भाग ना सके लेकिन, बैरिकेडिंग 1 दिन के बाद ही टूट गई और यात्री आसानी से निकलकर भागते रहे. निश्चित रूप से यह लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने के लिए काफी है.

लक्षण दिखने पर आरटीपीसीआर कराने की सलाह लेकिन, एंबुलेंस नदारद : 

नाम न छापने की शर्त पर स्टेशन पर रेल यात्रियों की जांच कर रहे एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि उनके शिफ्ट में हर दिन 1 से 2 ऐसे लोग मिलते हैं, जिनका एंटीजन टेस्ट करने पर उनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे लोगों को यह सलाह दी जाती है कि वह आरटीपीसीआर टेस्ट करा लें लेकिन, अस्पताल भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने से यह काफी संभव है कि वह अपना जांच ना करा कर भाग जाएं.

कहते हैं सिविल सर्जन :
बाहर से आने वाले हर यात्री के रेलवे स्टेशन पर जांच कराई जा रही है. एंटीजेन टेस्ट के बाद जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण समझ में आते हैं उनका स्वाब कलेक्ट कर उन्हें स्टेशन से ही उनके घर भेज दिया जाता है साथ ही यह कहा जाता है कि वह जाँच रिपोर्ट कने तक अपने घर में ही क्वारन्टीन रहें. संक्रमण का कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है.
अनिल भट्ट
प्रभारी सिविल सर्जन





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