कैंडल मार्च निकालकर मानव अधिकारों से लोगों को कराया अवगत ..

हर व्यक्ति की रक्षा करते हों, उसे दुनिया में स्वतंत्रता के साथ जीवन यापन करने की छूट देते हों. किसी व्यक्ति के साथ किसी भी कीमत पर कोई भेदभाव न हो, समस्या न हो, सब शांति से खुशी- खुशी अपना जीवन जी सकें, इसलिए मानवाधिकारों का निर्माण हुआ. मानवाधिकार दिवस लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. 




- जिला और सत्र न्यायाधीश ने किया मार्च को रवाना
- मौजूद रहे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार तिवारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर कार्यालय, जिला प्राधिकार सेवा प्राधिकार, बक्सर के प्रांगण में एक कैण्डल मार्च का आयोजन किया गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह, एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने हरी झंडी दिखाकर कैंडल मार्च को रवाना किया. मौके पर व्यवहार न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी, कर्मचारी, पैनल अधिवक्ता एवं पारा विधिक स्वयंसेवक, कार्यालय कर्मचारी विधिक सेवा सदन भवन में उपस्थित थे. यह मार्च व्यवहार न्यायालय होते हुए अंबेडकर चौक तथा फिर ज्योति प्रकाश चौक तक पहुँचा. मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-सचिव जिला प्राधिकार धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर 1948 को विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर प्रथम बार मानवों के अधिकार के बारे में बात रखी थी हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा 1950 में हुई. इस दिन 'अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस' मनाने के लिए असेंबली ने सभी देशों को आमंत्रित किया, जिसके बाद असेंबली ने 423 (V) रेज़्योलुशन पास कर सभी देशों और संबंधित संगठनों को इस दिन को मनाने की सूचना जारी की थी. मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा 500 से ज्यादा भाषाओं में उपलब्ध हैं वहीं, भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया था और 12 अक्तूबर, 1993 को 'राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग' का गठन किया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दिए जाने पर 10 दिसंबर का दिन मानवाधिकार दिवस के लिए निश्चित किया गया.





विश्व में रहने वाले प्रत्येक मानव को प्राप्त कुछ विशेष अधिकार जो विश्व को एक सूत्र में बांधते हों, हर व्यक्ति की रक्षा करते हों, उसे दुनिया में स्वतंत्रता के साथ जीवन यापन करने की छूट देते हों. किसी व्यक्ति के साथ किसी भी कीमत पर कोई भेदभाव न हो, समस्या न हो, सब शांति से खुशी- खुशी अपना जीवन जी सकें, इसलिए मानवाधिकारों का निर्माण हुआ. मानवाधिकार दिवस लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. मानव अधिकार का मतलब मनुष्यों को वो सभी अधिकार देना है, जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं. यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से मौजूद हैं और इन अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को अदालत द्वारा सजा दी जाती है. मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है. मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता.






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