वीडियो : बजट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बताया "अमृत बजट" ..

बजट आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है. प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने वाला है. "सबका साथ-सबका विश्वास" मूल मंत्र पर आधारित है. महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों व्यापारियों सभी का ख्याल रखा गया है. 






- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सरकार पर साधा निशाना
- कांग्रेस नेता ने भी कहा बजट आम जन विरोधी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के बीच का यह "अमृत बजट" है.

आज का बजट आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है.
प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा करने वाला है. "सबका साथ-सबका विश्वास" मूल मंत्र पर आधारित है. महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों व्यापारियों सभी का ख्याल रखा गया है. कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रही. 2022-23 के इस बजट से अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी. देश के विकास को और अधिक गति मिलेगी.


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह कोर कमिटी के सदस्य बिनोधर ओझा ने कहा कि वित्त मंत्री भारत सरकार द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण पूर्णत:शराब की पूरानी बोतल मे नयी शराब भरा गया है. यह ढोंग और जनता को ठगने, बरगलाने वाला है. कर संग्रह मे लोगो का खून चूसनेवाला है वह 50 प्रतिशत कैसे बढेगा? लोगो की आय घट गयी है. भारत वैश्विक सूचकांक मे 116 देशों में 104 पर है. इसमे न तो महंगाई घटाने की बात की गयी है, न इसमे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कि बात कि गई है, ना ही किसानों के ऋण माफी और बिजली माफी कि चर्चा कि गई है. मृतक किसानों के मुआवजे व खाद की किल्लत को भी दूर करने कि बात नहीं कि गई है. 
वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएन चौबे ने कहा कि इस बजट में अस्पतालों में कोरोना के दौरान दवा-गैस और लोगो को दफनाने कि भी व्यवस्था नहीं कि गई है आखिर किसानो कि आय दुगनी करने कि भी बात नहीं कि गई है. बेरोजगारों के लिए भी रोजगार कि कोई चर्चा नहीं कि गई है. बैंक मुद्रा ऋण भी नहीं दे रहा है इसपर कैसे लगाम लगाई जाए इस पर भी कोई चर्चा नहीं है. खुदरा व्यवसायी कि आर्थिक स्थिति खराब है तो उनका निवेश में भागीदारी कैसे बढेगी? मनमोहन सिंह और कृषि मंत्री शरद पवार जी ने खेती से भाग रहे किसानो को और वैश्विक संकट से उबारने के लिए किसानो का 74 हजार करोड़ो का ऋण माफ किया था और न्यूनतम समर्थन मूल्य दोगुना किया था. उस समय वैश्विक संकट मे जो इससे भी बड़ा था. इस सर्वेक्षण में आर्थिक प्रबंधन का अभाव और झूठा प्रचार है, जिससे आर्थिक स्थिति कभी नहीं सुधरेगी और पाँच अंको को भी नहीं प्राप्त करेगी.

कांग्रेस के युवा नेता राकेश तिवारी ने केन्द्र के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के इस बजट से जनता को काफी उम्मीद थी पर आम आदमी आज ठगा हुआ महसूस कर रहा है. कोरोना से आम आदमी कि आमदनी घटी है पर सरकार ने आयकर टैक्स स्लैब कोई छूट नही दी गई, महंगाई प्रमुख मुद्दा था उसपर कोई खास महत्व सरकार ने नहीं दिया.  वहीं इस बजट में किसान व मजदूरों के लिए कुछ नही है. आखिर कैसे उनकी आय दोगुनी होगी? युवा भी आज लाचार है उनके रोजगार के लिए भी इस बजट में कोई खास दिलचस्पी सरकार ने नहीं दिखाई है. सरकार ने पुराना राग अलापा है. यह बजट पूरी तरह से फेल बजट है जिसे केन्द्र सरकार ने घिसे-पिटे तरीके से पेश किया है.


बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव कामेश्वर पांडेय ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में अमीरों के लिए 'मणि-मणि-माणिक्य'  सस्ता कर छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा कर उसके लिए चैनल चलाने की बात कर अमीरों को लाभ पहुंचाने बच्चों को किताबों से दूर करने एवं सास्वत ज्ञान नहीं मिल सके इसका प्रयास सरकार ने बखूबी किया है. बजट में किसानों के लिए महंगाई पर एवं बेरोजगारी पर कोई संकल्प नहीं लिया गया है इस बजट में बिहार के लिए विशेष पैकेज की कोई बात नहीं की गई है. यह बजट निराशाजनक और गरीबों को और गरीब करने तथा अमीरों को और अमीर करने का बजट है.


महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय के वरीय कर्मचारी डॉ अमित मिश्र ने बजट को फ्लॉप करार देते हुए बताया की इसमे टैक्स स्लैब मे कोई राहत नही दी गई है. साथ ही मध्यम वर्गीय परिवार की महंगाई को कम करने का कुछ भी उपाय नही किया गया. सरकार को इन्कम टैक्स दाता के बारे मे सोचना चाहिए.


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