कथा व्यवस्था की : एक बार वेतन देकर बार-बार गिनती करा रहा सरकारी विभाग ..

उन्हें लगा कि शायद होली के मौके पर बिहार सरकार कर्मियों पर मेहरबान हो. उन्होंने तुरंत बैंक खाते का बैलेंस चेक किया लेकिन, काफी जोड़ घटाव कर यह मालूम चला कि खाते में कोई राशि नहीं आई है. हालांकि इस चक्कर में उनकी नींद गायब हो गई और जागते तथा व्यवस्था को कोसते हुए उन्होंने रात बिताई. 








- सरकारी कर्मियों के मोबाइल पर बार-बार आ रहा वेतन भुगतान का संदेश
- तकनीकी समस्या के कारण परेशानी में पड़े हैं वेतनभोगी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सरकारी संस्थान अपनी कार्यशैली को लेकर सदैव चर्चा में रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि इन संस्थानों में कार्यरत कर्मी कार्य को कर्तव्य नहीं बल्कि मजबूरी समझ कर करते हैं. ऐसे में आमजन अक्सर व्यवस्था को कोसते नजर आते हैं. ऐसे ही एक सरकारी विभाग में इन दिनों कुछ नौकरी पेशा लोगों की नींद उड़ा दी है. मामला वित्त विभाग से जुड़ा हुआ है. बक्सर के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत सरकारी कर्मियों के मोबाइल पर रात्रि 1:00 बजे यह संदेश जाता है कि आपके खाते में पैसे भेजे गए हैं. जो लोग रात को यह मैसेज पढ़ लेते हैं उनकी पूरी रात बैंक खाते का बैलेंस चेक करने तथा यह सोचने में गुजर जाती है कि यदि पैसा भेजा गया तो उनके खाते का बैलेंस बढ़ा क्यों नहीं?


बक्सर के व्यवहार न्यायालय में कार्यरत कर्मी कौशलेंद्र कुमार ओझा बताते हैं कि मंगलवार की रात उनके मोबाइल में मैसेज टोन बजा. मोबाइल खोल कर देखने पर यह ज्ञात हुआ कि उनके खाते में उनकी सैलरी भेजे जाने का संदेश बिहार सरकार की तरफ से भेजा गया है. पहले तो उन्हें यह आश्चर्य हुआ कि जब सैलरी समय से मिल गई है तो फिर दोबारा संदेश कैसे आया? लेकिन फिर उन्हें लगा कि शायद होली के मौके पर बिहार सरकार कर्मियों पर मेहरबान हो. उन्होंने तुरंत बैंक खाते का बैलेंस चेक किया लेकिन, काफी जोड़ घटाव कर यह मालूम चला कि खाते में कोई राशि नहीं आई है. हालांकि इस चक्कर में उनकी नींद गायब हो गई और जागते तथा व्यवस्था को कोसते हुए उन्होंने रात बिताई. 

वरिष्ठ पत्रकार जय मंगल पांडेय बताते हैं कि यह कोई नई कहानी नहीं है. सरकारी विभागों का ऐसा ही हाल है. कोरोना काल मे ही वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले लोगों को मोबाइल पर वैक्सीनेशन हो जाने का मैसेज आता है और जिन्होंने वैक्सीन ली है उन्हें प्रमाण पत्र लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.


मामले में कोषागार पदाधिकारी शुकर पासवान ने बताया कि यह कोई तकनीकी गड़बड़ी है. उन्हें भी इस तरह का मोबाइल संदेश आता रहता है. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि पैसे आरबीआई के माध्यम से आते हैं. ऐसे में उनके विभाग की तरफ से इसमें कुछ नहीं किया जा सकता. 














 













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