वीडियो : रामनवमी की पूर्व संध्या पर राम नाम के महत्व पर हुई चर्चा ..

उन्होंने पिता के वचन का मान रखने के लिए जहां गृह त्याग कर दिया वहीं जनता का मान रखने के लिए पत्नी तक को त्याग दिया. ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम का नाम घर में नवजात शिशु के जन्म के समय सोहर गाने के दौरान भी लिया जाता है और बिना उनके नाम के लिए अंतिम यात्रा भी पूरी नहीं होती.







- भोजपुरी दुलार मंच के बैनर तले आयोजित हुआ था कार्यक्रम
- साहित्यकारों ने बताया राम नाम का महत्व

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भोजपुरी दुलार मंच के बैनर तले नगर के बंगाली टोला में रामनवमी की पूर्व संध्या पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र के साथ-साथ समर्थ गुरु रामदास एवं संत तुकाराम को भी याद किया गया.




इस दौरान वक्ताओं ने भगवान श्री रामचंद्र के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की बात पर जोर दिया. साथ ही साथ यह कहा कि भगवान राम को लेकर अलग-अलग लोगों के अलग-अलग विचार हैं लेकिन, उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम बनने के लिए जो कुर्बानियां दी हैं वह निश्चय ही हर व्यक्ति के लिए अनुकरणीय है. उन्होंने पिता के वचन का मान रखने के लिए जहां गृह त्याग कर दिया वहीं जनता का मान रखने के लिए पत्नी तक को त्याग दिया. ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम का नाम घर में नवजात शिशु के जन्म के समय सोहर गाने के दौरान भी लिया जाता है और बिना उनके नाम के लिए अंतिम यात्रा भी पूरी नहीं होती.


इसके पूर्व भगवान श्री रामचंद्र के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया साथ ही दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम का संयोजन प्रख्यात साहित्यकार सह समाजसेवी पवन नंदन केसरी ने किया वहीं, अध्यक्षता साहित्यकार व वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने की. मौके पर जंग बहादुर राजपुरिया, शशि भूषण मिश्र, शिव बहादुर पांडेय, कन्हैया पाठक, गणेश उपाध्याय, लक्ष्मण जायसवाल डॉ शशांक शेखर, राजारमन पांडेय समेत कई प्रबुद्ध जन मौजूद रहे.

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