खनन विभाग के साथ मिलकर पहले चरण में भूकंप डाटा रिकॉर्डिंग प्रणाली का उपयोग कर 2-डी भूकंपीय सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसके बाद गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक सर्वेक्षण होगा. पुष्टि होने के बाद प्राकृतिक तेल प्राप्त करने के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
- ओएनजीसी ने लगाया अनुमान सरकार से मांगा सर्वेक्षण का लाइसेंस
- लाइसेंस मिलने के बाद शुरू होगी आगे की प्रक्रिया
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में गंगा के किनारे तेल के भंडार मिलने के संकेत मिल रहे हैं. तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड यानी ओएनजीसी का यह आकलन है कि बक्सर एवं समस्तीपुर में तेल के बड़े भंडार हो सकते हैं. ओएनजीसी बिहार के खान एवं भूतत्व विभाग से पैट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (अन्वेषण) के लिए लाइसेंस हेतु आवेदन दिया है. अगर ओएनजीसी को लाइसेंस मिला तो वह चार वर्षों तक अन्वेषण का कार्य करने के लिए अधिकृत हो जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गंगा के बेसिन में बक्सर में 52.13 वर्ग किलोमीटर में तेल का भंडार होने का अनुमान है जबकि समस्तीपुर में 308.32 वर्ग किलोमीटर में तेल का भंडार होने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में यदि ओएनजीसी को लाइसेंस मिलता है तो उसके द्वारा खनन विभाग के साथ मिलकर पहले चरण में भूकंप डाटा रिकॉर्डिंग प्रणाली का उपयोग कर 2-डी भूकंपीय सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसके बाद गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक सर्वेक्षण होगा. पुष्टि होने के बाद प्राकृतिक तेल प्राप्त करने के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
चार वर्ष पूर्व भी सिमरी में आई थी ओएनजीसी की टीम :
बताया जा रहा है कि गंगा के बेसिन में तेल होने के सबूत तकरीबन चार वर्ष पूर्व ही मिले थे जिसके बाद ओएनजीसी की टीम ने जिले के सिमरी में कैंप कर तेल भंडार पता लगाने के लिए सर्वे किया था. पहले चरण में राजपुर कला पंचायत के कुछ स्थानों पर खनन भी किया गया. बक्सर के अतिरिक्त सिवान के रघुनाथपुर में भी तेल होने की जानकारी मिलने पर मिट्टी के नमूने इकट्ठा कर जांच के लिए हैदराबाद भेजे गए थे. उस वक्त पूर्णिया में भी कच्चे तेल का भंडार होने का अनुमान लगाया गया था.
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