पॉवर प्लांट रेल कॉरिडोर बनाने के लिए भूमि देने वाले किसानों ने मांगा उचित मुआवजा व नौकरी ..

कहा कि जब कंपनी ने यहां पर कार्य करना शुरु किया था तो कई तरह के वादे किए गए थे, जिसमें स्थानीय लोगों को नौकरी देने की बात भी कही गई थी लेकिन, जिन लोगों की जमीनें ली गई हैं उन्हें भी नौकरी नहीं दी गई. ऐसे में कंपनी से रैयतों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की जा रही है. 






- महर्षि च्यवन आश्रम के परिसर में आयोजित की गई बैठक
- किसान समन्वय संघर्ष समिति डीएम को सौंपेगी मांग पत्र

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : किसान समन्वय संघर्ष समिति की एक बैठक का आयोजन चौसा के महर्षि च्यवन आश्रम परिसर में आयोजित किया गया बैठक में किसान समन्वय संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष कालीचरण यादव ने कहा कि एसजेवीएन के पदाधिकारियों के द्वारा रेल कॉरिडोर निर्माण के दौरान किसानों को जो मुआवजा दिया जा रहा है वह उचित नहीं है. वह मुआवजा 2013 के दर से दिया जा रहा है जबकि मुआवजा 2021 की दर से देना चाहिए. साथ ही साथ उन्होंने यूपी में किसानों को आठ गुणा मुआवजा दिया जा रहा है. जिले में भी उसी प्रकार आठ गुणा मुआवजा देने का काम किया जाए.


उन्होंने कहा कि जब कंपनी ने यहां पर कार्य करना शुरु किया था तो कई तरह के वादे किए गए थे, जिसमें स्थानीय लोगों को नौकरी देने की बात भी कही गई थी लेकिन, जिन लोगों की जमीनें ली गई हैं उन्हें भी नौकरी नहीं दी गई. ऐसे में कंपनी से रैयतों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की जा रही है. इस संदर्भ में वह जिला पदाधिकारी से मिलकर मांग पत्र सौंपेंगे.

मौके पर महर्षि च्यवन थर्मल पावर मजदूर संघ के अध्यक्ष अश्वनी कुमार वर्मा संचालन करते हुए कहा कि चौसा रेल कॉरिडोर एवं वाटर पाइपलाइन किसानों की भूमि का मुआवजा रेट सरकार के द्वारा बहुत कम दिया जा रहा है जो कि मार्केट वैल्यू के हिसाब से कम है साथ ही सभी भूमि धारक को नोटिस को किसी सर्वे तो किसी को चक तो किसी को रजिस्टर टू से भेजा गया है जबकि सही पोजीशन रजिस्टर टू ही बता पाएगा.


















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