वीडियो : शिक्षा के मंदिर में फेंकी मिली शराब की बोतलें, इस्तेमाल किए कंडोम और यौन शक्ति वर्धक दवाएं ..

इतना ही नहीं, विद्यालय में सिनेमा हॉल अथवा बैंकों की सीढ़ियों की तरह कोनों में पान और गुटखे की पीक थूकी हुई दिखाई दे रही है. यह सब कुछ उन वायरल वीडियोस में है जिन्हें ग्रामीणों के द्वारा विभिन्न सोशल साइट्स पर शेयर किया गया है. 




- हाल जलीलपुर प्राथमिक विद्यालय का
- काफी दिनों से चल रहा अनैतिकता का खेल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार अरबों रुपये की योजनाएं बनाती है और उन्हें धरातल पर उतारने का दावा करती है. योजनाएं धरातल पर उतरे ना उतरे लेकिन, शिक्षा सुधार के प्रयास के लिए जिम्मेदार लोगों का सुधार जरूर हो जाता है. इसी का परिणाम है कि आज शिक्षा का स्तर गिरता चला जा रहा है जिसका परिणाम है कि नौनिहालों में संस्कारों का बीजारोपण करने वाला शिक्षा के मंदिर में शराब की खाली बोतलें, नमकीन के खाली पैकेट्स, इस्तेमाल किए हुए कंडोम तथा पुरुष शक्तिवर्धक दवाओं के पैकेट फेंके हुए मिल रहे हैं. 



यह मामला चौसा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय जलीलपुर का है जहां विद्यालय के खाली पड़े कमरों सीढ़ियों के नीचे तथा अन्य जगहों पर उपरोक्त सभी वस्तुएं इधर-उधर बिखरी देखी जा रही हैं. इतना ही नहीं, विद्यालय में सिनेमा हॉल अथवा बैंकों की सीढ़ियों की तरह कोनों में पान और गुटखे की पीक थूकी हुई दिखाई दे रही है. यह सब कुछ उन वायरल वीडियोस में है जिन्हें ग्रामीणों के द्वारा विभिन्न सोशल साइट्स पर शेयर किया गया है. 


कई दिनों से विद्यालय में चल रहा मयखाना :

विद्यालय में नाना प्रकार के अनैतिक कार्य कई दिनों से चल रहे हैं. ऐसा हम उन वीडियोस के आधार पर कह रहे हैं जो कि वो वायरल हुए हैं उनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि काफी संख्या में शराब की खाली बोतलें, इस्तेमाल किए कंडोम तथा शक्तिवर्धक दवाओं के पैकेट फेंके हुए हैं.

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने विद्यालय शिक्षा समिति को बताया जिम्मेदार :

मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात करने पर उन्होंने इन सब का ठीकरा स्थानीय विद्यालय प्रबंध समिति पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि उच्च विद्यालयों में अगर इस तरह की स्थिति होती तो सुरक्षाकर्मी से स्पष्टीकरण पूछा जा सकता था लेकिन, प्राथमिक अथवा मध्य विद्यालय में कोई सुरक्षा गार्ड नहीं होता. स्थानीय लोगों को मिलाकर बनाई गई विद्यालय शिक्षा समिति ही विद्यालय की देखरेख करती है. ऐसे में उन लोगों से बातचीत कर स्थिति को सुधारने का प्रयास करना होगा.

वीडियो : 

















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