वीडियो : ईद मिलादुन्नबी पर कौमी एकता व मानव सेवा का संदेश, किया रक्त का महादान ..

हजरत मोहम्मद साहब को अल्लाह ने एक अवतार के रूप में पृथ्वी पर भेजा था, क्योंकि उस समय अरब के लोगों के हालात बहुत खराब हो गए थे . लोगों में शराबखोरी , जुआखोरी, लूटमार , वेश्यावृत्ति और पिछड़ापन भयंकर रूप से फैला हुआ था. कई लोग नास्तिक थे. ऐसे माहौल में मोहम्मद साहब ने जन्म लेकर लोगों को ईश्वर का संदेश दिया. 






- मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जोशो खरोश के साथ निकाला जुलूस
-  हिंदू मुस्लिम सभी ने एक साथ किया रक्त का महादान

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : इस्लाम के संस्थापक और लोगों को कुरान, शिक्षा व ज्ञान के माध्यम से शांति का संदेश देने वाले हजरत मोहम्मद पैगंबर साहब के जन्मदिन मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम अनुयायियों के द्वारा जिला मुख्यालय समेत जिले के अलग-अलग इलाकों में शानदार जुलूस निकालकर मोहम्मद साहब के शांति का संदेश को लोगों के बीच प्रसारित किया गया. इस दौरान सामाजिक सौहार्द की झलक देखने को मिली. बक्सर नगर में मुस्लिम समुदाय के लोग इस दौरान हाथ में तिरंगा लेकर शहर की सड़को पर निकले थे. सभी ने मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी. दूसरी तरफ हिंदू मुस्लिम युवाओं ने एक साथ मिलकर रक्त का महादान किया. बाबा दरिया सहित की मजार पर आयोजित रक्तदान शिविर में कुल 22 लोगों ने रक्तदान किया मौके पर मौके पर नसीम नायक, सोनू बाबा, शादाब आलम, नियमतुल्लाह फरीदी, डॉ निसार अहमद, अरशद, मो. अली, मो सैफ, गुलाम मोहम्मद, पवन चौरसिया, ओमजी यादव, प्रतीक सिंह, अभिषेक कसेरा, अरमान अंसारी, मो आजाद, कुंदन कुमार आदि मौजूद रहे. इस दौरान ठेला चालक नसीम राइन के द्वारा रक्तदान करने पर उन्हें सम्मानित किया गया.




जूलूस के दौरान विधि व्यवस्था संधारण के लिए अनुमंडल प्रशासन के द्वारा संयुक्त आदेश जारी किया गया था जिसके आलोक में जुलूस को संपन्न कराने के लिए पुलिसकर्मी मुस्तैद नज़र आए. मुहम्मद पैगंबर साहब के जन्मदिन पर मस्जिदों में आयोजित मजलिस में मुहम्मद साहब के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए मौलाना ने कहा कि मुहम्मद पैगंबर मुस्लिम धर्म के नबी और संस्थापक थे . इस्लामिक सिद्धांतों के अनुसार वे अल्लाह के दूत थे.


उन्होंने सभी को एकत्र कर कुरान, शिक्षा व ज्ञान के जरिए लोगों में इंसानियत और शांति का पैगाम फैलाया था . हजरत मोहम्मद साहब को अल्लाह ने एक अवतार के रूप में पृथ्वी पर भेजा था, क्योंकि उस समय अरब के लोगों के हालात बहुत खराब हो गए थे . लोगों में शराबखोरी , जुआखोरी, लूटमार , वेश्यावृत्ति और पिछड़ापन भयंकर रूप से फैला हुआ था. कई लोग नास्तिक थे. ऐसे माहौल में मोहम्मद साहब ने जन्म लेकर लोगों को ईश्वर का संदेश दिया. मजलिस के बाद क्षेत्र के विभिन्न मुस्लिम घरों में नियाज फातिया किया गया और कुरानखानी भी किया गया. सदर अनुमण्डल पदाधिकारी ने कहा कि सभी के सहयोग से त्यौहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया जिसके लिए सभी धन्यवाद के पात्र हैं.


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