सनातन संस्कृति समागम : राम नाम से उर्जा लेता दिखा पक्ष और विपक्ष ..

केंद्रीय मंत्री की बात भाजपा की वर्तमान जिलाध्यक्षा माधुरी कुंवर तथा पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह जैसे नेताओं को भले ही ना समझ में आए लेकिन सांसद की इस गूढ़ बात को कांग्रेस के टिकट से बक्सर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी तथा राजपुर विधायक विश्वनाथ राम बखूबी समझ गए हैं.







- 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में का मुद्दा होगा भगवान श्री राम का नाम
- अहिल्याधाम में आयोजित हुआ था सनातन संस्कृति समागम 

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : "राम से बड़ा राम का नाम .."  यह बात त्रेतायुग से कही जाती रही है. स्वयं राम के गुरु ऋषि वशिष्ठ ने यह बात कही थी और अपने जीवन के अंतिम काल खंड में वह आश्रम में जाकर स्वयं राम नाम का जाप करते रहे. राम नाम की महिमा ऐसी है कि उसके जाप मात्र से हनुमान जी के द्वारा गुरु वशिष्ट के अपमान पर भगवान श्रीराम के द्वारा हनुमान पर चलाया गया अमोघ अस्त्र भी बेअसर हो गया था. जिसके बाद पूरे संसार के सामने यह बात प्रमाणित हो गई कि राम नाम में वह शक्ति है जो स्वयं राम से भी बड़ी है. जीवन के आरंभ से लेकर अंत तक राम-राम की गूंज ही सुनाई देती है. यही गूँज बक्सर के अहिल्याधाम में आयोजित संत समागम में भी खूब सुनाई दी. लेकिन राम नाम की चर्चा के अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं. कुछ लोग इसे आध्यात्मिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक बता रहे हैं तो कुछ इसका राजनीतिक लाभ लेने और देने की बात भी कर रहे हैं.




राम नाम की गूँज समागम के समाप्ति के साथ खत्म नहीं हुई है बल्कि इसकी शुरुआत हुई है. श्री राम की प्रतिमा की स्थापना और श्रीराम कॉरिडोर का निर्माण ऐसे कार्य है जिससे कि राम नाम की गूंज अभी आगे भी सुनाई देगी. चर्चा यह भी है कि बक्सर में आयोजित संत समागम वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव तथा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को साधने के लिए आयोजित किया गया था. फिलहाल देश की केंद्रीय सत्ता में भी रामराज की खूब चर्चा होती है. ऐसे में यह कहना भी गलत प्रतीत नहीं हो रहा. लेकिन केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का यह कहना है कि बक्सर की पौराणिक गरिमा को वापस लौटाने के लिए वह इस तरह के आयोजन के आयोजनकर्ता बने. 


भाजपा सांसद के प्रयास से लाभान्वित हो सकेंगे कांग्रेस के विधायक : 

केंद्रीय मंत्री की बात भाजपा की वर्तमान जिलाध्यक्षा माधुरी कुंवर तथा पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह जैसे नेताओं को भले ही ना समझ में आए लेकिन सांसद की इस गूढ़ बात को कांग्रेस के टिकट से बक्सर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी तथा राजपुर विधायक विश्वनाथ राम बखूबी समझ गए हैं. जिसका उदाहरण सनातन संस्कृति समागम के के दौरान भोजन आदि की व्यवस्था में योगदान देने के साथ-साथ समापन समारोह में मंच पर उनकी उपस्थिति से समझा जा सकता है. 

राम नाम से ऊर्जान्वित हुए राजनीतिक गुरु व चेले : 

पौराणिक व ऐतिहासिक प्रमाणों को देखें तो बक्सर सदैव धर्म और अध्यात्म का एक बड़ा और समृद्धशाली केंद्र रहा है. राजनीति भी इसके आसपास ही -घूमती दिखाई देती है. बक्सर तीर्थ क्षेत्र में एक साथ एक मंच पर आध्यात्मिक धार्मिक गुरुओं के साथ-साथ कई राजनीतिक संत और उनके चेले-चपाटे भी देखे गए. सभी राम नाम की ऊर्जा को नजदीक से देखने और महसूस करने आए थे. ऐसे में जिन लोगों ने नजदीक से राम नाम को महसूस किया. उम्मीद है कि श्री राम उनकी भी नैया को भवसागर के पास अवश्य लगाएंगे. आगामी समय राम की प्रतिमा की स्थापना के साथ साथ अन्य कई ऐसे कार्य हैं जिससे कि 2024 और 2025 के राजनीतिक संग्राम में साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.







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