वीडियो : वेतन भुगतान की मांग को लेकर शिक्षकों ने त्यागा अन्न-जल, तबीयत हुई खराब ..

शनिवार को अपराह्न 2 बजे से विधिवत आंदोलन शुरु हुआ. पहले दिन अनशन फलाहार के साथ रहा. दूसरे दिन अब शिक्षकों ने अन्न और जल भी त्याग दिया है. इसके बाद शिक्षकों की तबीयत भी खराब होने लगी है. उधर शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सारिक अशरफ ने बताया कि शिक्षकों के साथ उनकी सहानुभूति है लेकिन विभागीय नियमों से बंधे हुए हैं. 


 








- वेतन भुगतान की मांग को लेकर जारी है आमरण अनशन
- कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा विभागीय निर्देश के आलोक में होगी कार्रवाई


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : "होली में भी नहीं मिला वेतन. किसी तरह त्यौहार बीता. लेकिन अब भी बकाया वेतन भुगतान को लेकर विभागीय अधिकारी सुस्ती का रवैया अपनाए हुए हैं. ऐसे में विभाग के विरुद्ध संघर्ष का शंखनाद करना आवश्यक था." यह कहना है वेतन भुगतान के लिए संघर्ष कर रहे शिक्षकों का. एनआइओएस प्रशिक्षित शिक्षकों सहित जिले के सभी शिक्षकों के पन्द्रह प्रतिशत वेतन वृद्धि का अंतर बकाया वेतन, नवप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षित होने के बाद का अंतर बकाया वेतन तथा सभी तरह के बकाया वेतन के लिए एनआइओएस प्रशिक्षित कमलेश प्रसाद यादव एवं शिक्षक संघर्ष मोर्चा बक्सर के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षकों का अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शनिवार को अपराह्न 2 बजे से विधिवत आंदोलन शुरु हुआ. पहले दिन अनशन फलाहार के साथ रहा. दूसरे दिन अब शिक्षकों ने अन्न और जल भी त्याग दिया है. इसके बाद शिक्षकों की तबीयत भी खराब होने लगी है. उधर शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सारिक अशरफ ने बताया कि शिक्षकों के साथ उनकी सहानुभूति है लेकिन विभागीय नियमों से बंधे हुए हैं. फिर भी शिक्षकों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो इसका प्रयास किया जा रहा है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक सुधीर कुमार पाठक ने की जबकि संचालन शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद के द्वारा किया गया. शिक्षकों ने बताया कि जिन सुविधाओं की माँग हम कर रहे हैं वे सुविधाएं अन्य जिलों में मिल रही हैं. इतना ही नहीं जिला के अलग-अलग प्रखंड के कुछ शिक्षकों को बकाया वेतन का भुगतान हो गया है. सवाल उठता है कि उन शिक्षकों का भुगतान किस मापदंड पर भुगतान हुआ है? उन्होंने कहा कि अपनी मांगें पूरी होने तक हम अनशन जारी रखेंगे. क्योंकि हम संवैधानिक व मानवाधिकार को कुचलते हुए नहीं देख सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अर्चना स्थान पर ना तो चिकित्सा और ना ही सुरक्षा की कोई व्यवस्था की गई है.

आमरण अनशन को सफल बनाने में ब्रजभूषण सिंह, कुणाल किशोर, चंद्रमा राम, श्याम किशोर, गुप्तेश्वर यादव, सत्येन्द्र बिन्द, शैलेश कुमार, धनजी सिंह, संजय कुमार, शमशाद आलम, अमृत जायसवाल, मनोज भगत, बिहारी जी, चंद्रदेश सिंह, अरुण कुमार, श्याम किशोर, सिंह संजय सिंह, गिरीश कुमार, धनजी सिंह, अजीत सिंह, श्रद्धा सुमन, सुधा कुमारी सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे.

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