निबंधित, अनिबंधित, वैध एवं अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच विभिन्न पदाधिकारियों एवं चिकित्सा पदाधिकारियों के द्वारा हुई. जांच के क्रम में 20 निबंधित एवं 04 गैर निबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच की गई. जिसमें से 05 निबंधित एवं 04 गैर निबंधित अल्ट्रासाउंड को सील किया गया.
- जिला पदाधिकारी के निर्देश पर जिले भर में चलाया गया अभियान
- पैथोलॉजी व अल्ट्रासाउंड सेंटर की जिले में आई है बाढ़, अब होगी जांच
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से बक्सर पहुंचने एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने का निर्देश दिए जाने के बाद जिला प्रशासन भी बेहद गंभीर है. जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर सोमवार को जिले के विभिन्न इलाकों में अल्ट्रासाउंड तथा पैथोलॉजी लैब में छापेमारी की गई. इस जांच में बड़े पैमाने पर अनियमित तरीके से जांच घरों के संचालन की पुष्टि हुई. मुख्य सचिव के द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में बक्सर जिला अंतर्गत संचालित निबंधित, अनिबंधित, वैध एवं अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच विभिन्न पदाधिकारियों एवं चिकित्सा पदाधिकारियों के द्वारा हुई. जांच के क्रम में 20 निबंधित एवं 04 गैर निबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच की गई. जिसमें से 05 निबंधित एवं 04 गैर निबंधित अल्ट्रासाउंड को सील किया गया. कई ऐसे अल्ट्रासाउंड तथा पैथोलॉजिकल लैब थे, जिनमें चिकित्सक मौजूद नहीं थे अथवा उनमें ताला बंद था.
प्रशासन व स्वास्थ विभाग की इस कार्रवाई से पैथोलॉजी संचालकों की मुश्किलें बढ़ी रही. कई पैथोलॉजी संचालक तो अपनी दुकान बंद कर फरार हो गए थे. हालांकि इस दौरान कई लैब जांच में मानक पर खरें भी उतरे हैं.
जिले में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए है पैथोलॉजी सेंटर :
बता दें कि जिले में दर्जनों अल्ट्रासाउंड का संचालन विभिन्न इलाकों में हो रहा है. अकेले डुमरांव में दो दर्जन से अधिक अल्ट्रासाउंड खुल गए हैं. आकड़ो की माने तो सिर्फ 10 के पास ही निबंधन है. वहीं जिनके पास निबंधन है, वो भी मानक को पूरा नहीं करते है. जानकारों का कहना है कि अधिकांश लैब बिना डाक्टर व तकनीशियन के ही संचालित हो रहे है. जहां न तो मरीजों की ठीक से जांच की जा रही हैं और न ही उनके रिपोर्ट ही सही आ रहे हैं.
रोक के बावजूद हो रहा है भ्रूण परीक्षण :
जानकारों की मानें तो शहर में अवैध तरीके से संचालित हो रहे जांच घरों में रोक के बावजूद धड़ल्ले से भ्रूण परीक्षण किया जा रहा है. जो अल्ट्रासाउंड संचालकों की गाढ़ी कमाई का मुख्य जरिया हैं. स्वास्थ विभाग व स्थानीय प्रशासन की चुप्पी से वर्षों से इना धंधा फल फूल रहा था. सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि सील किए गए अल्ट्रासाउंड संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है. यह कार्रवाई आगे भी चलाई जाती रहेगी.
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