भगवान् शिव विश्वास और श्रीराम हैं विश्राम : आचार्य भारतभूषण

वेद साक्षात् रामायण हैं और महर्षि वाल्मीकि वेदों को चतुर्मुख से प्रकट करने वाले श्रीब्रह्माजी हैं. कलिकाल के प्राणियों में भगवद्भक्ति का जागरण करने के लिए स्वयं महर्षि वाल्मीकि गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के रूप में प्रकट हुए और श्रीराम चरित मानस के रूप में श्रीमद्रामायण को भगवान शिव - पार्वती के आशीर्वाद से प्रकट किया.




- रामरेखा घाट पर रामकथा की हुई शुरुआत
- रामेश्वर नाथ मंदिर के प्रांगण में चल रही कथा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्रावण पुरुषोत्तम मास में सिद्धाश्रम रामरेखा घाट पर रामेश्वर नाथ मंदिर में आयोजित नौदिवसीय श्रीराम कथा के पहले दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवत- वक्ता आचार्य (डॉ.)भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि रामचरित मानस सामवेद के समान फल देने वाला और जीव मात्र को कृतार्थ करने वाला ग्रंथ रत्न है. वेदवेद्य परब्रह्म परमात्मा श्रीराम हैं, वेद साक्षात् रामायण हैं और महर्षि वाल्मीकि वेदों को चतुर्मुख से प्रकट करने वाले श्रीब्रह्माजी हैं. कलिकाल के प्राणियों में भगवद्भक्ति का जागरण करने के लिए स्वयं महर्षि वाल्मीकि गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के रूप में प्रकट हुए और श्रीराम चरित मानस के रूप में श्रीमद्रामायण को भगवान शिव - पार्वती के आशीर्वाद से प्रकट किया.

उन्होंने कहा कि भगवान विश्वनाथ ही सिद्धाश्रम में रामेश्वरनाथ हैं. जिनकी समर्चा सानुज स्वयं श्रीरामभद्र ने की है. आचार्य ने कहा कि भारद्वाज महर्षि रामकथा की जिज्ञासा करते हैं और याज्ञवल्क्य जी शिव कथा से आरंभ करते हैं. राम और शिव सर्वथा अभिन्न हैं और परस्पर स्वामी, सेवक तथा सखा हैं. श्रीरामोपासना के लिए भगवान शिव की कृपा अनिवार्य है. 

जगदंबा पार्वती के ब्याज (दिलचस्पी) से जगत् को श्रीराम कथा भगवान शिव ही प्रदान करते हैं. शिवलोक काशी में देहत्याग करने वाले जीवों को तारक मंत्र राम नाम का उपदेश कर उन्हें शोक रहित और कृतकृत्य कर देते हैं. भगवान् श्रीराम की कथा और उनका नाम कोटि - कोटि प्राणियों को सुमति, सद्गति और सुख प्रदान करता है. संसार में जीने और इससे पार पाने का कोई अन्य साधन नहीं है.

इसके पूर्व श्री राम कथा का उद्घाटन मंगलाचरण के बीच डॉ छवि नाथ त्रिपाठी ने किया. इस अवसर पर मुख्य यजमान कमलेश्वर तिवारी तथा आयोजन समिति के रामस्वरूप अग्रवाल सहित तमाम श्रद्धालु भक्तों ने पूजन - अर्चन किया. संचालन ब्रजकिशोर पांडेय ने किया.









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