वीडियो : पूर्व मंत्री ददन पहलवान ने खुद को बताया बिहार-यूपी की सियासत का शेर, कहा - मेरी मर्जी के बिना यूपी-बिहार में नहीं जीत सकता कोई भी उम्मीदवार ..

ददन पहलवान यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि राजद नेता शिवानंद तिवारी का इलाज किया तो वहीं, जगदानंद सिंह का इलाज कर दिए. बिहार ही नही उतरप्रदेश में भी जिसको चाहता हूँ वही चुनाव जीतता है और जिसे हराना चाहता हूँ, उसे जड़ से उखाड़ देता हूँ.





-  विधानसभा चुनाव में पांच हजार के आंकड़े को भी नही छू पाए थे ददन पहलवान
- अजीत कुमार सिंह से मिली थी करारी शिकस्त 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो उतरप्रदेश में हो रहे किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम के का है, जिसमे वह खुद को बिहार और उतरप्रदेश के सियासत का शेर बता रहे हैं और केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से लेकर, राजद नेता शिवानंद तिवारी, राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, और बक्सर  सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी का इलाज कर देने का दावा कर रहे हैं. पूर्व मंत्री के इस बयान को सुनकर दर्शक दीर्घा में बैठे हुए लोग खूब ताली बजा रहे हैं.

दावा : 2024 और 2025 में बक्सर सांसद और विधायक को भेजेंगे उनके घर : 

पौने दो मिनट के इस वीडियो में वह केंद्रीय मंत्री सह बक्सर से भाजपा सांसद अश्विनी कुमार चौबे को भागलपुर भेजने की बात कहते नजर आ रहे हैं. उधर, कांग्रेस के टिकट पर सदर विधायक मुन्ना तिवारी पर निशाना साधते हुए पूरे दिन जिला अतिथिगृह में बैठकर पान खाने एवं राजस्व की उगाही करने का आरोप लगाते हुए 2025 के चुनाव में इलाज कर डुमरांव अनुमंडल के कोरान सराय स्थित उनके घर भेजने का दम्भ भर रहे हैं. 

बिहार ही नहीं, उतरप्रदेश की सियासत का बैठाता हूँ गुणा-गणित :

वायरल हो रहा है इस वीडियो में ददन पहलवान यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि राजद नेता शिवानंद तिवारी का इलाज किया तो वहीं, जगदानंद सिंह का इलाज कर दिए. बिहार ही नही उतरप्रदेश में भी जिसको चाहता हूँ वही चुनाव जीतता है और जिसे हराना चाहता हूँ, उसे जड़ से उखाड़ देता हूँ.

पहली बार चुनाव लड़े प्रत्याशी से ही बुरी तरह हार गए पहलवान :

खुद को सियासत का बादशाह बताने वाले ददन पहलवान जदयू से टिकट कटने के बाद,  2020 के बिहार विधानसभा चुनाव खुद के दम पर डुमरांव विधानसभा से निर्दलीय लड़ चुके हैं और जनता ने इन्हें सिरे से खारिज कर दिया. इनकी झोली में पांच हजार से भी कम वोट आए थे. जिसके बाद उनकी खूब किरकिरी हुई. पहली बार चुनावी मैदान में उतरे भाकपा नेता अजीत कुमार सिंह के हाथों हारकर वह निचले पायदान पर पहुंच गए. एक बार फिर  कुछ महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की आहट होते ही खुद को सियासत का शेर बताने में लगे हुए हैं. हालांकि कौन क्या है पब्लिक सब जानती है.

वीडियो : 








Post a Comment

0 Comments