राखी बांधना सिर्फ भाई-बहन के बीच का कार्यकलाप नहीं रह गया है. राखी देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, हितों की रक्षा आदि के लिए भी बांधी जाने लगी है. साबित खिदमत फाउंडेशन परिसर में पौधों को भी राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया.
- प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर दिलशाद को भी बांधा रक्षा सूत्र
- साबित खिदमत फाउंडेशन में पौधों को राखी बांध लिया गया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भाई-बहन के निश्छल प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन के मौके पर ब्रह्म कुमारी बहनों के द्वारा मुस्लिम भाइयों को राखी बांधकर अनोखे ढंग से पर्व मनाया गया. इसी क्रम में प्रसिद्ध चिकित्सक, समाजसेवी एवं मानवाधिकार तथा सामाजिक न्याय संस्था के प्रदेश सचिव डॉक्टर दिलशाद आलम को राखी बांधी गई. साबित खिदमत फाउंडेशन परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में फाउंडेशन के सदस्यों के साथ-साथ कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे.
मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए डॉक्टर दिलशाद ने कहा कि यूं तो भारत में भाई-बहनों के बीच प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन की मोहताज नहीं है पर रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना है. बरसों से चला आ रहा यह त्योहार आज भी बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
डॉ दिलशाद ने कहा कि हिन्दू श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई का बहन के प्रति प्यार का प्रतीक है. रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों की दाहिनी कलाई में राखी बांधती हैं, उनका तिलक करती हैं और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेती हैं साथ ही भाई के लिए मंगलकामना करती हैं. हालांकि रक्षाबंधन की व्यापकता इससे भी कहीं ज्यादा है. राखी बांधना सिर्फ भाई-बहन के बीच का कार्यकलाप नहीं रह गया है. राखी देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, हितों की रक्षा आदि के लिए भी बांधी जाने लगी है. साबित खिदमत फाउंडेशन परिसर में पौधों को भी राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया.
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